नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला और कहा कि एक ना एक दिन जरूर देश की राजनीति से परिवारवाद की राजनीति का 'सूर्यास्त' हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में देश के मतदाताओं ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ऐसे भविष्य की ओर इशारा भी कर दिया है. भाजपा की जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने परिवारवाद की राजनीति को अपनी सबसे बड़ी चिंता बताया और कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह किसी परिवार के खिलाफ हैं या किसी से उनकी व्यक्तिगत दुश्मनी है.
उन्होंने कहा, 'मैं लोकतंत्र की चिंता करता हूं.' मोदी ने कहा कि परिवारवाद की राजनीति ने राज्यों का नुकसान किया है और उन्हें पीछे धकेला है. उन्होंने कहा, 'मतदाताओं ने इसे समझा है और चुनावों में लोकतंत्र की ताकत को मजबूत किया है.' उन्होंने कहा, 'एक न एक दिन ऐसा आएगा, जब भारत में परिवारवादी राजनीति का सूर्यास्त देश के नागरिक करके रहेंगे. इस चुनाव में देश के मतदाताओं ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए, आगे क्या होने वाला है, इसका इशारा कर दिया है.'
कोरोना के समय सरकार की आलोचना, टीकाकरण पर सवाल और यूक्रेन संकट के दौरान वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए चलाए गए अभियान के दौरान भी गैरजिम्मदाराना रवैया अपनाने का विपक्ष पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के नागरिक तो बहुत जिम्मेदारी से पेश आ रहे हैं लेकिन कुछ लोग लगातार राजनीति का स्तर गिराते जा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इन लोगों ने ऑपरेशन गंगा को भी प्रदेशवाद की बेड़ियों में बांधने की कोशिश की. हर योजना, हर कार्य को क्षेत्रवाद, प्रदेशवाद और सम्प्रदायवाद का रंग देने का प्रयास भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है.'
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतंत्र एजेंसियों की कार्रवाई को रोकने के लिए साजिश रचने और उनकी राह में रोड़े अटकाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'आज निष्पक्ष संस्थाएं भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करती हैं तो भ्रष्टाचारियों का पूरा इकोसिस्टम उन्हें बदनाम करने के लिए सामने आ जाता है. घोटाले से घिरे लोग एकजुट होकर अपने इकोसिस्टम की मदद से इन संस्थाओं पर ही दबाव बनाने लग जाते हैं.' मोदी ने कहा कि ऐसे लोगों को न्याय प्रक्रिया पर भी भरोसा नहीं है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अदालतों की कार्रवाई को भी वह धर्म, प्रदेश व जाति का रंग देने लगते हैं. उन्होंने कहा, 'ऐसे भ्रष्टाचारियों, माफियाओं को अपने समाज, सम्प्रदाय व जाति से दूर करने की कोशिश करें. जाति, सम्प्रदाय को बदनाम करने वालों से दूर रहना है, विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है.'