नई दिल्ली:छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए गुरुवार को जनता ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. बिहार के मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व), हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनूगोड़े, उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा के धामनगर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव संपन्न हुए. प्राधिकारियों ने मतदान के लिए व्यापक प्रबंध किए. जिन क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे थे, उनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास तीन, कांग्रेस के पास दो और शिवसेना एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पास एक-एक सीट थी. इन उपुचनाव के नतीजों से विधानसभाओं में राजनीतिक दलों की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उन्होंने इसे हल्के में नहीं लिया है और आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया है. मतों की गिनती छह नवंबर को होगी.
चुनाव आयोग के अनुमानित रुझान के अनुसार गोपालगंज (बिहार) में 48.35 प्रतिशत, मोकामा (बिहार) में 52.47 प्रतिशत, आदमपुर (हरियाणा) में 75.25 प्रतिशत, अंधेरी ई (महाराष्ट्र) में 31.74 प्रतिशत, धामनगर (ओडिशा) में 66.63 प्रतिशत, गोला गोकर्णनाथ (यूपी) में 55.68 प्रतिशत और मुनुगोड़े (तेलंगाना) में 77.55 प्रतिशत मतदान हुआ।
बिहार और उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों की सात विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपराह्न तीन बजे तक औसतन 45.60 प्रतिशत मतदान हुआ है. यह मतदान बिहार के मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व), हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनूगोड़े, उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा के धामनगर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए हो रहा है. इन उपचुनावों में भाजपा और क्षेत्रीय दलों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है.
बिहार में उपचुनाव के लिए मुख्य मुकाबला भाजपा और राजद के बीच है. हरियाणा में भाजपा के सामने कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और आम आदमी पार्टी (आप) की मुख्य चुनौती हैं. भाजपा का मुख्य मुकाबला तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति), उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) के साथ है. उपचुनाव में अपराह्न तीन बजे तक सबसे ज्यादा तेलंगाना के मुनूगोड़े विधानसभा क्षेत्र के 59.92 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ.
वहीं आदमपुर में 55.12 प्रतिशत, धामनगर में 52.13 प्रतिशत, गोला गोकर्णनाथ में 44.05 प्रतिशत, मोकामा में 42.44 प्रतिशत, गोपालगंज में 42.65 प्रतिशत और अंधेरी (पूर्व) सीट पर 22.85 प्रतिशत मतदान हुआ. इन उपुचनाव के नतीजों से विधानसभाओं में राजनीतिक दलों की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उन्होंने इसे हल्के में नहीं लिया है और आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया है. भाजपा उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ सीट पर अपना कब्जा कायम रखने की कोशिश कर रही है, जबकि उसने बीजद शासित ओडिशा में मौजूदा विधायक के निधन से खाली हुई धामनगर सीट पर सहानुभूति का लाभ उठाने के लिए दिवंगत विधायक के बेटे को उम्मीदवार बनाया है.
तेलंगाना की मुनूगोड़े सीट पर भाजपा और राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति ने आक्रामक तरीके से प्रचार किया है. यह सीट कांग्रेस विधायक द्वारा त्यागपत्र देने से खाली हुई थी और अब वह भाजपा के टिकट पर दोबारा चुनाव मैदान में हैं. अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने बृहद पैमाने पर मतदान की तैयारी की है, जिसके तहत राज्य पुलिस के 3,366 जवानों की तैनाती के अलावा मुनूगोड़े में केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों की 15 कंपनी को तैनात किया गया है. सभी मतदान केंद्रों पर 'वेबकास्ट' की व्यवस्था की गई है.
हरियाणा की आदमपुर सीट पर उपचुनाव पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे की वजह से अनिवार्य हो गया था. कुलदीप ने इस साल अगस्त में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे. बिश्नोई के बेटे भव्य इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं. आदमपुर सीट 1968 से भजनलाल परिवार के पास रही है और दिवंगत मुख्यमंत्री ने नौ बार, उनकी पत्नी जस्मा देवी ने एक बार एवं कुलदीप ने चार बार इसका प्रतिनिधित्व किया है.
इस उपचुनाव में कांग्रेस, इनेलो और आप ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस ने हिसार से तीन बार सांसद और दो बार विधायक रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश को उम्मीदवार बनाया है. इनेलो ने बागी कांग्रेस नेता कुर्दा राम नंबरदार को अपना प्रत्याशी बनाया है. आप की ओर से सतेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं, जो भाजपा छोड़कर आप में शामिल हो गये थे. बिहार में, जनता दल (यूनाइटेड) के भाजपा से अलग होने के बाद तीन महीने से भी कम समय पहले बनी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली ‘महागठबंधन’ सरकार के लिए राज्य में पहली चुनावी परीक्षा होगी.