गुवाहटी: असम के बारपेटा और मोरीगांव जिलों से 10 कथित 'जिहादियों' को गिरफ्तार किया गया है. असम पुलिस ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी बांग्लादेशी आतंकी समूह अंसार-उल-इस्लाम के सदस्य हैं. पुलिस के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि उनमें से सात पर संदेह है कि वे संगठन के लिए संपर्क सूत्र का काम करते थे और उन्हें मोरीगांव जिले से पकड़ा गया.
एजीडीपी हिरेन नाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यहां के मोरीगांव जिले में एक व्यक्ति, अमीरुद्दीन अली नाम के व्यक्ति (बांग्लादेश के जिहादी संगठन का सक्रिय सदस्य) से पैसे लेकर एक धार्मिक शिक्षा के लिए मदरसा चला रहा था. पुलिस ने बताया कि उन्हें मोरीगांव जिले के चहरिया गांव में जमिउल हुडा मदरसा चलाने वाले अध्यापक मोहम्मद मुफ्ती मुस्तफा के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले कि वह पड़ोसी देशों के जिहादी संगठन के लोगों के संपर्क में है, जिसके आधार पर उन्होंने आरोपी मुफ्ती को गिरफ्तार कर मदरसे को सील कर दिया है.
पुलिस ने राज्य के कई जिलों में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया है. पुलिस ने आरोपी मुफ्ती के अलावा कजीबुर रहमान, जुनैल खान, रफीकुल इस्लाम, मोइनुल हक, अब्बास अली, शाहजहां अली, हारून राशीद, मजीदूर रहमान और सहनूर आलम नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बताया गया कि इन संदिग्ध जिहादियों को बारपेटा, मोरीगांव, गोवालपारा और कामरूप जिले से पिछले 48 घंटों में गिरफ्तार किया गया है.
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इसपर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन संदिग्ध जिहादियों की गिरफ्तारी के राष्ट्रीय ऑपरेशन का हिस्सा है, जिसे असम पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा चलाया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने विभिन्न राज्यों में अंसार-उल-इस्लाम संगठन की गतिविधियों को लेकर चिंता भी जाहिर की. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश का सीमावर्ती राज्य होने के कारण असम में मुस्लिम कट्टरपंथियों की गतिविधियां सामने आई हैं और सरकार इसे राज्य से जड़ से खत्म करने की पूरी कोशिश कर रही है.