नई दिल्ली: यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट के साथ बहुप्रतीक्षित शांति समझौते पर मई में हस्ताक्षर किए जाएंगे. इस बात की जानकारी गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दी है. यह कहते हुए कि समर्थक वार्ता के साथ चर्चा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है, सरमा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मई तक हम वार्ता समर्थक के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने में सक्षम होंगे और हम उसी के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि शांति समझौते का मसौदा वार्ता समर्थक नेताओं को भेज दिया गया है.
सरमा ने कहा कि हमने उन्हें एक मसौदा समझौता भेजा है, लेकिन अगर समर्थक वार्ता मसौदा समझौते से सहमत नहीं हैं, तो शांति समझौते पर हस्ताक्षर स्थगित हो जाएंगे. सरमा ने मसौदा समझौते के संदर्भ का खुलासा किए बिना कहा कि अगर वे (उल्फा समर्थक वार्ता) समझौते के मसौदे से सहमत होते हैं और आगे आते हैं, तो हम मई में ही समझौते पर हस्ताक्षर कर देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उल्फा-स्वतंत्र से भी मुख्य चर्चा चल रही है. बेशक बात ने अपेक्षित गति नहीं ली. हम विभिन्न स्तरों पर संपर्क में हैं.
विद्रोही संगठन, उल्फा, जो एक संप्रभु असम के लिए लड़ रहा है, दो गुटों में विभाजित हो गया है, समर्थक और वार्ता विरोधी. संगठन के आत्मसमर्पण करने वाले और गिरफ्तार किए गए नेता वार्ता समर्थक सदस्य हैं, जबकि उल्फा के मायावी नेता परेश बरुआ (उल्फा-इंडिपेंडेंट) नाम के वार्ता विरोधी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं. गौरतलब है कि असम सरकार आज शाम नई दिल्ली में असम के विद्रोही समूह डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर रही है.
सरमा ने कहा कि DNLA के साथ इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ ही किसी भी शांति समझौते के लिए उल्फा समर्थक और वार्ता विरोधी संगठन के अलावा कोई अन्य संगठन नहीं बचेगा. हमने सभी संगठनों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर उग्रवाद के मुद्दे को सुलझा लिया है. नई दिल्ली में दिन के दौरान सरमा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक भी की. मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को राज्य में समग्र सुधार के लिए कानून और व्यवस्था के मापदंडों में सुधार के लिए सक्रिय रूप से काम करने को कहा.
सरमा ने कहा कि जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह में बोंगाईगांव में होने वाले एसपी सम्मेलन में एसपी के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा. सरमा ने कहा कि एसपी प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट के मूल्यांकन के लिए पिछले चार एसपी सम्मेलन के 50 सूचकांकों को मानदंड के रूप में चिन्हित किया जाएगा, जो उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट का आधार बनेगा. कानून और व्यवस्था के मोर्चे पर विभिन्न सूचकांकों में सुधार करने और अगले छह महीनों में इसे अगले स्तर पर ले जाने पर जोर दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने लंबित मामलों, नशीले पदार्थों से संबंधित अपराधों, साइबर अपराधों, महिलाओं के खिलाफ अपराधों, तेल चोरी के मामलों और छोटे मामलों को वापस लेने की चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रत्येक एसपी को प्राप्त करने के लिए निश्चित उचित लक्ष्य दिए जाएंगे और इसी आधार पर उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा. सरमा ने पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर गुवाहाटी और अन्य स्थानों में महिलाओं के खिलाफ अपराध को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया.