नई दिल्ली:असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने लचित बरफुकन (Lachit Barphukan) की 400वीं जयंती यहां मनाए जाने पर खुशी जतायी. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा लचित बरफुकन का इतिहास लिखने की अपील करना एक सराहनीय कदम है. बोरा ने कहा कि एक उचित शोध से निश्चित रूप से इतिहासकारों को गुमनाम नायकों के बारे में लिखने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, 'पिछली सरकार (यूपीए) ने इस दिशा में कुछ नहीं किया.'
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई घोषणा का स्वागत करते हुए, अतुल बोरा ने पूर्व में कांग्रेस की सरकार की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आजादी के बाद से इस ओर ध्यान नहीं दिया. असम के मुख्यमंत्री ने हाल ही में दावा किया है कि वाम समर्थित इतिहासकारों के कारण, भारतीय गुमनाम नायकों को ठीक से उजागर नहीं किया गया है. सरमा ने हाल ही में कहा, 'हमें इतिहास को फिर से लिखने की जरूरत है.'
वहीं, अतुल बोरा के बयान पर पलटवार करते हुए असम के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रॉकीबुल हुसैन ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने भी गुमनाम नायकों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई पहल की. हुसैन ने कहा, 'तरुण गोगोई के नेतृत्व में हमने लचित बरफुकन की वीरता को संरक्षित और प्रकाशित करने के लिए कई कदम उठाए.'
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बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहोम सेनापति लचित बरफुकन (Lachit Barphukan) की 400वीं जयंती के अवसर पर कहा कि इतिहासकारों और शिक्षाविदों को भारतीय इतिहास को फिर से लिखना चाहिए. उन्होंने कहा, 'भारत भर में ऐसे कई गुमनाम नायक है जिनके बारे में कोई प्रचार प्रसार नहीं किया गया. शाह ने कहा, 'अगर लचित बरफुकन (lachit barphukan) ना होते तो पूर्वोत्तर भारत का हिस्सा ना होता क्योंकि उस वक्त उनके द्वारा लिए गए निर्णयों और उनके साहस ने न केवल पूर्वोत्तर बल्कि पूरे दक्षिण एशिया को धर्मांध आक्रांताओं से बचाया.'