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ईटीवी भारत से बोले असम के सीएम, मेघालय के साथ सीमा समझौता दूसरों के लिए उदाहरण होगा - असम मेघालय सीमा समझौता

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि असम-मेघालय सीमा विवाद का समाधान अन्य राज्यों के लिए उदाहरण होगा, जो एक-दूसरे के साथ सीमा संघर्ष का सामना कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश व मिजोरम के साथ, सीमा विवाद पर गंभीर चर्चा चल रही है.

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Published : Mar 29, 2022, 7:46 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 7:51 PM IST

नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कहा कि आज का समझौता अन्य राज्यों में विवादों को हल करने के लिए प्रेरणा के रूप में काम करेगा, सीमा संघर्ष का सामना कर रहे हैं. यह दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश व मिजोरम के साथ ही सीमा विवाद पर गंभीर चर्चा चल रही है.

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma)और मेघालय सीएम कोनराड संगमा (Meghalaya CM Conrad Sangma) ने दोनों राज्यों के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. सरमा ने कहा कि असम और मेघालय के बीच 12 विवादित क्षेत्र हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हमने विवादों को सुलझाने के लिए समझौता किया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शेष छह विवादित क्षेत्रों पर दोनों राज्यों के बीच समझौता हो जाएगा.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बातचीत

सरमा ने कहा कि आने वाले दिनों में हम शेष छह विवादित क्षेत्रों को सुलझा लेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अरुणाचल प्रदेश के साथ भी गंभीर बातचीत चल रही है. सरमा ने यह भी कहा कि मिजोरम के साथ सीमा विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया भी जारी है. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि दोनों राज्य सर्वोत्तम संभव समाधान लेकर आए हैं.

सीएम कोनराड ने कहा कि एकदम सही समाधान कभी नहीं होगा. इसलिए हमने सबसे अच्छे समाधान पर काम किया. हमें खुशी है कि हमारे पास सर्वोत्तम संभव समाधान है. संगमा ने कहा कि दोनों राज्यों में 36 वर्ग किलोमीटर से अधिक का समझौता हो गया है. अब भारतीय सर्वेक्षण विभाग, सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ चिन्हित गांवों को भी विभाजित करेगा. दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ भारतीय सर्वेक्षण विभाग शेष काम को पूरा करेगा.

यह भी पढ़ें- असम-मेघालय ने छह स्थानों पर सीमा विवाद सुलाझाया, शाह ने बताया पूर्वोत्तर के लिये ऐतिहासिक दिन

सीमा प्रस्ताव पर कई तबकों के विरोध और आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर संगमा ने कहा कि समझौते में जन भावनाओं को बहुत महत्व दिया गया है. संगमा ने कहा कि सीमा मुद्दे को हल करते समय हमने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ-साथ भौगोलिक मानचित्रों को भी ध्यान में रखा. गृहमंत्री अमित शाह ने समझौते को ऐतिहासिक बताया है. शाह ने कहा कि यह समझौता विवाद मुक्त पूर्वोत्तर की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अत्यधिक लाभ होगा, दीर्घकालिक शांति सुनिश्चित होगी और विकास को बढ़ावा मिलेगा.

Last Updated : Mar 29, 2022, 7:51 PM IST

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