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असम मानवाधिकार पैनल ने 'पुलिस इनकाउंटर्स' की जांच के दिए आदेश - लिस फायरिंग में आरोपी सैयद अली उर्फ पाठा घायल

असम मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को दो महीने के भीतर राज्य में 12 आरोपियों की हत्या की परिस्थितियों की जांच के लिए नोटिस जारी किया है. एएचआरसी ने मीडिया रिपोटरें के हवाले से कहा कि पुलिस ने विभिन्न मुठभेड़ों में चार अन्य संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया.

असम मानवाधिकार पैनल
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Published : Jul 14, 2021, 6:33 AM IST

गुवाहाटी :असम मानवाधिकार आयोग (Assam Human Rights Commission- AHRC) ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को दो महीने के भीतर राज्य में 12 आरोपियों की हत्या की परिस्थितियों की जांच के लिए नोटिस जारी किया है. एएचआरसी के एक अधिकारी ने कहा कि आयोग के सदस्य नबा कमल बोरा ने प्रमुख सचिव, गृह और राजनीतिक विभाग को नोटिस जारी (Notice issued) कर कथित आरोपी व्यक्तियों की मौत (death of alleged accused persons) तथा घायल होने वाले तथ्यों समेत परिस्थितियों की जांच करने व सात अगस्त तक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.

एएचआरसी नोटिस (जो आईएएनएस के पास उपलब्ध है) में कहा गया, यह बताया गया है कि कार्बी आंगलोंग जिले में पुलिस के साथ दो अलग-अलग मुठभेड़ों में दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (Dimasa National Liberation Army- DNLA) के छह संदिग्ध आतंकवादी और यूनाइटेड पीपुल्स रिवोल्यूशनरी फ्रंट (United People Revolutionary Front- UPRF) के दो कथित विद्रोही मारे गए.

एएचआरसी ने मीडिया रिपोटरें के हवाले से कहा कि पुलिस ने विभिन्न मुठभेड़ों में चार अन्य संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया.

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पुलिस के अनुसार, एक अन्य घटना में मोरीगांव में पुलिस फायरिंग में आरोपी सैयद अली उर्फ पाठा घायल हो गया, जब वह पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था.

इससे पहले, असम के दिल्ली के वकील, आरिफ जवादर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में असम पुलिस की मुठभेड़ों की श्रृंखला के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जो 10 मई को हिमंत बिस्वा सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से हुई हैं.

अपनी 10 जुलाई की शिकायत में जवादर ने आरोप लगाया कि छोटे अपराधियों को गोली मार दी जा रही थी और इस तरह के फर्जी मुठभेड़ों का कारण यह बताया गया है कि उन्होंने पुलिस हिरासत से पिस्तौल छीनने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में 20 से अधिक ऐसे मुठभेड़ हुए हैं और जिनका निशाना बनेने वाले अधिकांश व्यक्ति कथित रूप से ड्रग डीलर और पशु चोर थे, जिनमें से कुछ की मौके पर ही मौत हो गई थी.

(आईएएनएस)

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