गुवाहाटी :असम की एक विशेष अदालत ने असम लोक सेवा आयोग (Assam Public Service Commission) में नौकरी घोटाले को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. विशेष अदालत के मुताबिक नौकरी घोटाले के लिए करोड़ों की नकदी में संलिप्पता पाए जाने के बाद असम सिविल सेवा(Assam Civil Service), असम पुलिस सेवा(Assam Police Service) और संबद्ध सेवाओं के कम से कम 45 अधिकारियों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कोर्ट ने पूछताछ की अनुमति दे दी है.
असम पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि 2016 से असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के नौकरी घोटाले के लिए नकदी की जांच कर रही डिब्रूगढ़ पुलिस ने डिब्रूगढ़ पुलिस ने ने पहले ही एपीएससी द्वारा चयनित 45 राज्य सिविल सेवा कैडर के अधिकारियों को समन भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये सभी 45 अधिकारी राज्य भर में अलग-अलग पदों पर कार्यरत हैं. सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों की चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं और विसंगतियां हैं. जांचकर्ताओं ने परीक्षा हॉल में इन उम्मीदवारों द्वारा उपयोग की गई उत्तर पुस्तिकाओं के बीच विसंगतियां पाई हैं और ऐसा माना जाता है कि उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन के लिए सारणीकरण प्रक्रिया के दौरान बदल दिया गया था.
2016 में एपीएससी कार्यालय से जब्त किए गए इन अधिकारियों और संबंधित उत्तर पुस्तिकाओं के हस्तलेखन के नमूने पहले ही अहमदाबाद में फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजे जा चुके थे. फोरेंसिक रिपोर्ट में लिखावट के नमूनों और उत्तर पुस्तिकाओं के बीच विसंगतियों का भी स्पष्ट संकेत दिया गया है. मामले के जांच अधिकारी सुरजीत सिंह पनेसर ने विशेष अदालत की मंजूरी पर इन 45 अधिकारियों को समन भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि एपीएससी का नौकरी के बदले नकद घोटाला असम में अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. आईटी का खुलासा 2016 में तब हुआ जब डिब्रूगढ़ पुलिस ने रिश्वत के एक मामले की जांच करते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एक इंजीनियर को गिरफ्तार किया और उसे 10 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा.