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असम बाढ़ : दस और लोगों की मौत, प्रभावित क्षेत्रों में मरने वालों की संख्या 118 पहुंची

असम में बाढ़ के कारण 10 और लोगों की मौत हो गयी जबकि कछार जिले में सिलचर शहर लगातार पांचवें दिन जलमग्न रहा. बाढ़ से शुक्रवार को 28 जिलों में 33.03 लाख लोग प्रभावित हैं. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. असम राज्य प्रबंधन आपदा प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को राज्य के 30 जिलों में 45.34 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए.

Assam floods: Ten more killed, situation critical in Silchar
राहत कार्य में लगी एनडीआरएफ की टीम

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Published : Jun 25, 2022, 7:32 AM IST

गुवाहाटी:असम में बाढ़ के कारण 10 और लोगों की मौत हो गयी जबकि कछार जिले में सिलचर शहर लगातार पांचवें दिन जलमग्न रहा. बाढ़ से शुक्रवार को 28 जिलों में 33.03 लाख लोग प्रभावित हैं. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. असम राज्य प्रबंधन आपदा प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को राज्य के 30 जिलों में 45.34 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए. अधिकारियों के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घटने लगा है. हालांकि, ब्रह्मपुत्र में धुब्री और नागांव में कोपिली खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

असम के नागांव जिले में बना राहत कैंप

उन्होंने बताया कि 10 और लोगों की मौत होने के बाद मई के मध्य से बाढ़ और भूस्खलनों के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 118 पर पहुंच गयी है. बारपेटा, धुब्री, करीमगंज और उदलगुड़ी जिलों में दो-दो लोगों और कछार तथा मोरीगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. असम की बराक घाटी का प्रवेश द्वार माने जाने वाले सिलचर के अधिकतर इलाके जलमग्न हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि उसने गंभीर रूप से प्रभावित जिलों और विशेष रूप से कछार जिले, जहां सिलचर स्थित है, में अतिरिक्त संसाधनों के साथ बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई गई है.

असम का नागांव जिला जलमग्न बना हुआ है

अधिकारियों के मुताबिक राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठ टीम को ईटानगर और भुवनेश्वर से लाया गया है, जिनमें कुल 207 कर्मी हैं. इसके अलावा 120 सदस्यों वाली सेना की एक टीम दीमापुर से नौ नौकाओं के साथ सिलचर में बचाव अभियान के लिए भेजी गई है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो टीम विमान के जरिए कछार के लिए भेजी गई है.

राहत कार्य में लगी एनडीआरएफ की टीम

पढ़ें: असम बाढ़ : सात और लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया

अधिकारियों के अनुसार लगभग तीन लाख लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल और दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लगभग पूरा सिलचर शहर बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है.उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में भोजन के पैकेट, पानी की बोतल और अन्य जरूरी वस्तुएं वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गिराई जा रही हैं. घाटी के तीन जिले - कछार, हैलाकांडी और करीमगंज - बराक और कुशियारा नदी के बढ़ते जलस्तर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण सबसे अधिक प्रभावित जिला बारपेटा है जहां 10,32,561 लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा हैं, इसके बाद कामरूप जिले में 4,29,166 लोग प्रभावित हुए हैं.

असम का नागांव जिला जलमग्न बना हुआ है

मुकेश अंबानी ने 'असम मुख्यमंत्री बाढ़ राहत' के लिए 25 करोड़ रुपये का दान दिया : लगातार भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने 103 राजस्व मंडलों और 4,536 गांवों को प्रभावित किया है. राज्य भर में कुल 2,84,875 लोगों ने 759 राहत शिविरों में शरण ले रखी है.बाढ़ ने 173 सड़कों और 20 पुलों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि बक्सा और दरांग जिलों में दो-दो तटबंध टूट गये हैं. इस बीच, उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके बेटे अनंत ने असम में बाढ़ से जूझ रहे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में 25 करोड़ रुपये दान दिए.

मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का आभार व्यक्त किया है. तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा समेत कई प्रतिष्ठित लोगों ने राहत कोष में दान दिया है. टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने 11 लाख रुपये जबकि मशहूर गायक सोनू निगम ने 15 लाख रुपये दान दिए हैं.बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर और फिल्म निर्माता रोहित शेट्टी ने सीएमआरएफ में पांच-पांच लाख रुपये दान दिए हैं.

बाढ़ प्रभावित सिलचर में दाह संस्कार, दफनाने की जगह नहीं :असम के सिलचर शहर के निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बाढ़ के कारण सभी श्मशान और कब्रिस्तान पानी में डूब गए हैं. लोग इमारतों में अपनों के बेजान शवों के साथ बेसब्री से मदद की तलाश में इंतजार कर रहे थे. कुछ लोग शवों को कब्रगाह की तलाश में अस्थायी नावों में ले जा रहे थे. जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायु सेना के संचयी प्रयासों के बावजूद अब तक नागरिकों को कोई राहत नहीं मिली है.

बराक नदी के जलस्तर में मामूली कमी के बावजूद बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है. सिलचर के नागरिकों को अभी भी पीने के पानी और भोजन की सख्त जरूरत है, उनमें से हजारों अभी भी इमारतों के अंदर फंसे हुए हैं और निचली मंजिल पूरी तरह से जलमग्न है. हालांकि जिला प्रशासन राहत सामग्री के पैकेट गिराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन नागरिक उन्हें इकट्ठा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि सादे छतों या उन्हें गिराने के लिए जमीन की कमी के कारण पैकेज पानी पर गिरते दिखाई दे रहे हैं. सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं.

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