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असम : आरण्यक के पहले के9 यूनिट सदस्य 'जोरबा' का निधन - Aranyak K9 Unit Member

असम में भारत के प्रमुख जैव विविधता संरक्षण संगठनों में से एक 'आरण्यक' के पहले के9 यूनिट सदस्य 'जोरबा' का निधन हो गया. जोरबा के निधन पर आरण्यक ने शोक व्यक्त किया है. संगठन ने पूरे सम्मान के साथ जोरबा का अंतिम संस्कार किया.

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Published : Nov 22, 2022, 1:27 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 7:02 PM IST

गुवाहाटी : असम में भारत के प्रमुख जैव विविधता संरक्षण संगठनों में से एक 'आरण्यक' के पहले के9 यूनिट सदस्य 'जोरबा' का निधन हो गया. जोरबा का उम्र और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से निधन हो गया है. असम में कई राइनो संरक्षण क्षेत्रों में आठ साल के लंबे करियर में जोरबा सक्रिय रूप से अवैध शिकार विरोधी अभियानों में शामिल था. जोरबा के निधन पर आरण्यक ने शोक व्यक्त किया है. संगठन ने पूरे सम्मान के साथ जोरबा का अंतिम संस्कार किया. निधन के बाद कई लोगों ने जोरबा पर माल्यार्पण किया.

आरण्यक के सीईओ डॉ बिभब कुमार तालुकदार ने कहा, "जोरबा सहित हमारे के9 दस्ते ने गैंडों के अवैध शिकार की घटनाओं के बाद शिकारियों के एग्जिट रूट का पता लगाने में वन अधिकारियों की मदद की, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस और वन अधिकारियों द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. जोरबा के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और हम हमेशा उन्हें एक संरक्षण नायक रूप में मानेंगे."

जोरबा के निधन पर शोक व्यक्त करते आरण्यक के सदस्य

बता दें कि आरण्यक ने 2011 में जोरबा नामक बेल्जियम मालिंस कुत्ते के साथ वन्यजीव अपराधों की जांच के लिए देश का पहला कुत्ता दस्ता स्थापित किया था. जोरबा असम में विभिन्न राइनो संरक्षण क्षेत्रों में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और ओरंग राष्ट्रीय उद्यान सहित आठ वर्षों से अधिक समय से अवैध शिकार विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से लगा हुआ था. इस अवधि के दौरान, जोरबा डॉग ने वन्यजीव अधिकारियों को राज्य में 60 से अधिक शिकारियों का पता लगाने में सहायता की.

आरण्यक का के9 डॉग स्क्वायड में छह बेल्जियन मेलिनोइस कुत्ते शामिल हैं. काजीरंगा और मानस नेशनल पार्क के साथ-साथ असम के अन्य राइनो-बेयरिंग क्षेत्रों में वन और पुलिस अधिकारियों की सक्रिय रूप से सहायता कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप कानून द्वारा कई शिकारियों को गिरफ्तार किया गया है.

Last Updated : Nov 22, 2022, 7:02 PM IST

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