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असम में 18 हाथियों की मौत अंधाधुंध पेड़ों की कटाई का नतीजा - 18 हाथियों की मौत

मध्य असम के नगांव जिले में वनों की तलहटी में आंधी के दौरान लगभग 18 हाथियों की मौत भारत में बिजली गिरने से वन्यजीवों की जान लेने वाली सबसे बड़ी घटना हो सकती है. वरिष्ठ पत्रकार संजीब कुमार बरूआ की रिपोर्ट.

असम में 18 हाथियों की मौत
असम में 18 हाथियों की मौत

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Published : May 14, 2021, 10:40 PM IST

Updated : May 15, 2021, 2:33 PM IST

नई दिल्ली :असम के नगांव जिले में कोठियाटोली वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बामुनी हिल्स क्षेत्र में बुधवार रात आकाशीय बिजली गिरने से 18 हाथियों की मौत भारत में बिजली गिरने से वन्यजीवों की मौत की सबसे बड़ी घटना हो सकती है.

असम में 18 हाथियों की मौत

स्थानीय ग्रामीणों के बनाए वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें पहाड़ी जंगल के एक छोटे से क्षेत्र में मृत हाथियों के शवों को दिखाया गया है. ये ऐसा क्षेत्र लग रहा हैं जहां ज्यादा वनस्पति नहीं थी जो मोटी चमड़े वाले जानवर को आकाशीय बिजली से बचा सके.

ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले डॉ. चंदन सरमा का कहना है कि 'कुछ दशक पहले यह क्षेत्र घना जंगल था. हालांकि इस दुखद घटना के लिए बिजली को जिम्मेदार ठहराया गया है लेकिन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हुई. बड़े पेड़ छतरी के रूप में बिजली गिरने के दौरान सुरक्षा कवच का काम कर सकते थे.'

उन्होंने कहा कि 'अधिकारियों को तत्काल कारण से परे देखना होगा और जंगलों के विनाश सहित राज्य में बढ़ते मानव-हाथी संघर्ष से संबंधित बड़े और गहरे मुद्दों पर गौर करना होगा.'

असम लगभग हर साल अपने वन्यजीवों की त्रासदी का आदी है. शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र की बाढ़ का पानी काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के विशाल इलाकों में सैकड़ों जानवरों की जान ले लेता है लेकिन यह पहली बार है जब बिजली ने एक ही घटना में इतने जानवरों की जान ली है.

प्रसिद्ध हाथी पालने वाले और वन्यजीवों के लिए चिंता करने वाले बिजयोनंद चौधरी कहते हैं भारत में वन्यजीवों के इतिहास में इस तरह के कारणों से यह अब तक की सबसे बड़ी आपदा हो सकती है. हालांकि ऐसी और इससे भी बुरी घटनाएं अन्य जगहों पर हुई हैं.'

चौधरी ने अगस्त 2016 की घटना को याद किया जब दक्षिणी नॉर्वे के हरदंगरविद्दा राष्ट्रीय उद्यान में गरज के साथ बिजली गिरने से 320 से अधिक बारहसिंगों के झुंड की मौत हो गई थी. इसे वन्यजीवों पर बिजली गिरने की इतिहास में सबसे घातक घटना माना जाता है.

पढ़ें- असम : बिजली गिरने से 18 हाथियों की मौत

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आंधी के दौरान जानवर डर के मारे आपस में करीब आ जाते हैं. जब आकाशीय बिजली पेड़ या झुंड के पास की जमीन से टकराती है, तो ऊर्जा जमीन के साथ फैलती है जिसे 'ग्राउंड करंट' कहा जाता है, जिसे जानवरों के शरीर द्वारा अवशोषित किया जाता है और इससे उनके महत्वपूर्ण अंगों पर चोट लगती है. जिसके परिणामस्वरूप उनकी तत्काल मृत्यु हो जाती है.

Last Updated : May 15, 2021, 2:33 PM IST

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