असम सीएम हिमंत बिस्वा बोले- परेश बरुआ संप्रभुता को लेकर दृढ़, जल्द ही चर्चा पर नहीं आएंगे
Assam CM Himanta Biswa Sarma, ULFA Cheif Paresh Barua, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम प्रमुख परेश बरुआ से बातचीत की टेबल पर आने का अपील की है. उनका कहना है कि बरुआ का तरीका गलत हो सकता है, लेकिन वह अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं.
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नए साल के मौके पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'परेश बरुआ का तरीका गलत हो सकता है, लेकिन वह अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं, वह असम से प्यार करते हैं. वह संप्रभुता को लेकर दृढ़ हैं. असम के लोगों को उन्हें संदेश भेजना चाहिए कि संप्रभुता संभव नहीं है, ताकि वह वापस आ सकें.'
नए साल के शुरुआती दिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) के प्रमुख परेश बरुआ के साथ बातचीत के संदर्भ में जानकारी दी. नरम लहजे वाली टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संकेत दिया कि असम के लोगों को परेश बरुआ को यह संदेश देना चाहिए कि असम में स्थिति अब संप्रभुता के पक्ष में नहीं है.
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को नव वर्ष के अवसर पर दिसपुर में मीडिया जगत के साथ आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि 'मैं हर तीन-चार महीने में परेश बरुआ से बात करता रहता हूं. मैंने सोचा कि उल्फा समर्थक वार्ता समूह के साथ शांति समझौते के बाद मैं एक सप्ताह के भीतर उनसे दोबारा बात करूंगा.'
हालांकि, मुख्यमंत्री का मानना है कि परेश बरुआ के जल्द ही बातचीत की मेज पर आने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं. इस बीच परेश बरुआ को यह समझना होगा कि जिस असम को उन्होंने 40 साल पहले पीछे छोड़ दिया था, वह समय के साथ बदल गया है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को दिसपुर में राज्य की राजधानी में पत्रकारों से बातचीत के बाद यह बात कही.
कहने की जरूरत नहीं है कि वार्ता समर्थक उल्फा गुट के साथ शांति समझौते के बाद परेश बरुआ अब बहुत प्रासंगिक हो गए हैं. बातचीत के दौरान पत्रकारों ने सरमा से सवाल किया कि परेश बरुआ कब लौटेंगे? अपने जवाब में मुख्यमंत्री सरमा ने स्पष्ट किया कि इस बात की संभावना कम है कि परेश बरुआ जल्द ही चर्चा की मेज पर आएंगे.
सरमा ने कहा कि वह अभी जहां हैं, वहां से जल्दी नहीं आ सकते. परेश बरुआ संप्रभुता छोड़ना नहीं चाहते. लेकिन परेश बरुआ को यह जानना होगा कि इन 40 वर्षों में जब वह राज्य में नहीं थे, तो क्या बदलाव आया है. इसलिए मुख्यमंत्री ने अपील की कि परेश बरुआ को असम के कम से कम 10 हजार लोगों से बात करनी चाहिए. तभी उन्हें पता चलेगा कि आज के असम की स्थिति और विकास किस स्तर पर पहुंच गया है.