गुवाहाटी/बजली (असम) : असम के बजली में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. जिले के 3.52 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. जानकारी के अनुसार, पहुमारा नदी के बाढ़ के पानी ने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत कई गांवों जलमग्न कर दिया. जिससे हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. बाढ़ के पानी ने भवानीपुर को बारपेटा से जोड़ने वाली पीडब्ल्यूडी सड़क जलमग्न हो गई है. जिले में एक हजार बीघा फसल भूमि बाढ़ के चपेट में है.
राज्य के 32 जिलों में करीब 31 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित :मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,बाढ़ ने चार बच्चों सहित आठ और लोगों की जान ले ली. बाढ़ से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. बता दें कि राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या 62 हो गई है. दूसरी ओर, आठ अन्य लोग लापता हैं. चार लोग होजई जिले से जबकि अन्य चार बजली, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, कोकराझार और तामूलपुर जिलों से लापता हैं. उधर, राज्य के 32 जिलों में करीब 31 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का बाढ़ का पानी 4,291 गांवों में घुस गया है और 66455.82 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है.
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भूटान में जल स्तर बढ़ना बना कारण :बारपेटा में जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि यहां के ग्रामीण यह कहकर अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं थे कि उनके घरों में बहुत सारा कीमती सामान है, लेकिन हम किसी तरह उन्हें अपने घर खाली करने के लिए मनाने में कामयाब रहे और अब हम उन्हें राहत शिविरों में ले जाने की व्यवस्था कर रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से प्रभावितों के लिए खाना और अन्य जरूरी सामानों की व्यवस्था पहले से कर ली गई है. पास के भूटान में जल स्तर बढ़ रहा है इसलिए हमारा जिला भी प्रभावित हो रहा है और आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है.
राज्य के 21 जिलों में बनाए गए 514 राहत शिविरों में 1.56 लाख से अधिक प्रभावितों ने शरण ली :जानकारी के मुताबिक, राज्य के 21 जिलों में बनाए गए 514 राहत शिविरों में 1.56 लाख से अधिक प्रभावितों ने शरण ली हुई है. प्रभावित जिलों में बजली, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा-हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, होजई, कामरूप, कामरूप (एम), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तामूलपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी शामिल है. नलबाड़ी में एक बाढ़ पीड़ित ने कहा कि हम पिछले 3-4 दिनों से बाढ़ के पानी में डूब रहे हैं और हमारे घर भी बह गए हैं. जिला प्रशासन की ओर से कोई हमारी मदद के लिए नहीं आया है. हमें कोई खाना नहीं दिया जाता है, मैं पिछले चार दिनों से भूखा हूं.
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दो लाख ऋण लेकर की थी खेती, बाढ़ में सब डूबा :जिले में बाढ़ से लाचारी जताते हुए लौकुची पाथर क्षेत्र के एक किसान नूरुल इस्लाम ने कहा कि मैंने खेती के लिए बैंक से दो लाख रुपये का कर्ज लिया था. लेकिन बाढ़ के पानी ने मेरी सारी फसल बर्बाद कर दी. इस स्थिति में, अब मैं बैंक ऋण कैसे चुकाऊंगा? मैं वर्तमान में अपने परिवार के साथ सड़क पर एक आश्रय लिये हुए हूं. क्योंकि बाढ़ के कारण लगभग 5-6 फीट पानी मेरे घर में प्रवेश कर गया है. इलाके के एक कॉलेज के छात्र चिरंजीब सरकार ने कहा कि बाढ़ के कारण उनके कॉलेज की किताबें और शैक्षिक प्रमाण पत्र नष्ट हो गए. क्योंकि वे भारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
तानालतारी क्षेत्र में 300 से अधिक परिवार वर्तमान में रेलवे ट्रैक के पास : जानकारी के अनुसार, बाढ़ के पानी से अपने घरों में पानी भर जाने के बाद, बजली जिले के तानालतारी क्षेत्र में 300 से अधिक परिवार वर्तमान में रेलवे ट्रैक के पास शरण ले रहे हैं. इस बीच, जिला प्रशासन, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं, राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें और भारतीय सेना जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई है. अग्निशमन और आपातकालीन सेवा के अधिकारी अभिषेक सिन्हा ने कहा कि उन्होंने अब तक राज्य के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 500 लोगों को बचाया है.
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बाढ़ ने कई तटबंधों और सड़कों को नष्ट किया :असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार बजली जिले के 173 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. इस बीच, निचले असम के नलबाड़ी जिले में बाढ़ की मौजूदा लहर से 1.23 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ ने कई तटबंधों और सड़कों को नष्ट कर दिया है और जिले में कई घर बह गए हैं. बाढ़ ने जिले के पश्चिम नलबाड़ी, घोगरापार, बरभाग, नलबाड़ी, तिहू, बनेकुची और बरखेत्री राजस्व मंडलों को तबाह कर दिया है और 203 गांवों को जलमग्न कर दिया है. जिला प्रशासन ने जिले में 54 राहत शिविर स्थापित किए हैं और जिले के लगभग 16,000 बाढ़ प्रभावित लोग वर्तमान में इन शिविरों में रह रहे हैं.
करीब 1.61 लाख पालतू जानवर भी प्रभावित :पिछले 24 घंटे में जिले में दो लोगों की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई. बाढ़ की मौजूदा लहर में जिले में करीब 1.61 लाख पालतू जानवर भी प्रभावित हुए हैं. शुक्रवार को भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल एवं आपात सेवाओं ने जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 557 लोगों को बचाया था. इससे पहले दिन में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह भी सूचित किया कि बंगाल की खाड़ी से पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्वी भारत में तेज दक्षिण / दक्षिण-पश्चिम हवाओं के प्रभाव में भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ व्यापक वर्षा होने की संभावना है. अगले 3 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में इसमें बताया गया कि असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले दो दिनों के दौरान अलग-अलग भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.