दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

MP: गरीब बच्चों के लिए ASP ने शुरू की फ्री कोचिंग, 3 बेटियाें की कराई शादी - undefined

अपने लिए जिए तो क्या जिए, जीना वही जो औरो के काम आए. ये लाइनें चरितार्थ कर रहे हैं रायसेन जिले में पदस्थ एडिशनल एसपी अमृत मीना. उन्हें संत स्वभाव का अफसर कहा जाता है. 24 साल की सर्विस में अब तक कई लाेगों की बियोंड द बॉर्डर जाकर मानवीय मदद कर चुके हैं. इन दिनों इनकी नि:शुल्क कोचिंग चर्चा में है, जो इन्होंने गुना जिले में शुरू की है. एसपी ने गरीब बच्चों के लिए अपने क्षेत्र में नि:शुल्क कोचिंग शुरू करवाई है. कोचिंग में महीने में एक बार खुद जाकर पढ़ाते भी हैं. चयन के लिए इन्होंने क्राइटेरियारखा है, ताकि टेलेंटेंड बच्चों को अवसर मिले. पुलिस महकमे में इनकी इमेज वर्दी वाले मददगार की. जो कानूनी मदद देने के साथ लोगों की हर संभव मदद करते हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : May 11, 2023, 7:38 PM IST

भोपाल। गुना जिले के चाचौड़ा में इन दिनों कक्षा 12वीं टॉप करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों के चेहरों पर मुस्कान है. इसकी वजह है कि उनके लिए उनके एएसपी अमृत अंकल ने पीएससी और यूपीएससी कोचिंग जो शुरू करवा दी है. इस कोचिंग में 120 बच्चे अभी अध्ययनरत हैं. पूरे महीने में एक बार खुद एएसपी अमृत पढ़ाने के लिए जाते हैं और नहीं जाते हैं तो फिर वीडियो कॉलिंग के जरिए जुड़ जाते हैं. जिन बच्चाें को कोचिंग में प्रवेश दिया जा रहा है, वे 60 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थी है. यहां जाति और धर्म देखकर नहीं, बल्कि प्रतिभा और अंक देखकर प्रवेश दिया जाता है.

एएसपी ने शुरू की फ्री कोचिंग

कोचिंग की शुरुआत:एएसपी अमृत मीना ने बताया कि उनके दिमाग में बीते साल यह खयाल आया. वे गुना जिले के चाचौड़ा क्षेत्र में एक शादी समारोह में गए. वहां उन्हें पता चला कि कई बेटियां प्रतिभाशाली है, लेकिन परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उनकी पीएससी और यूपीएससी की तैयारी नहीं करवा पा रहा है. इसके बाद इन्होंने कुछ स्थानीय लोगों से चर्चा की और योजना बनाई. बीनागंज नामक जगह में समाज के सहयोग से भवन लिया और इसका रिनोवेशन करवाकर कोचिंग शुरू कर दी.

एएसपी ने बताया कि एक आईआरएस अधिकारी प्रद्म्न सिंह की मदद से स्मार्ट टीवी ली और क्लास में लगाकर उसे स्मार्ट बना दिया. क्षेत्र में जिन बच्चों ने भोपाल और इंदौर से पीएससी की तैयारी की थी, ऐसे चार को टीचर की जिम्मेदारी दी. इनको हर महीने 10-10 हजार रुपए खुद एएसपी अपने जेब से भुगतान करते हैं. इसके अलावा कई प्रशासनिक अधिकारियों को भी इन्होंने जोड़ लिया है. जबकि प्रदेश के करीब दो दर्जन अफसर और इनके मित्र ऑनलाइन बच्चाें को पीएससी के लिए टिप्स देते हैं.

गरीब परिवार को ले चुके हैं गोद

3 बेटियाें की करवाई शादी:एएसपी अमृत मीना के द्वारा यह पहला काम नहीं है. इसके पहले वे वर्ष 2014 में भिंड में एएसपी थे. तब उन्हें एक खबर मिली कि मुकुटपुरा गांव है, जहां एक ही परिवार में 6 सदस्य दिव्यांग यानी नेत्रहीन है. खबर सुनकर वे गांव पहुंचे तो पता चला कि पति-पत्नी के साथ उनकी चार बेटियां हैं और उनमें से 2 शादी लायक हो गई थी. घर का मुखिया रामचरण सिंह चौहान ने बताया कि उनके पास दो एकड़ जमीन है और जिस झुग्गी में रहते हैं, उसमें बरसात भर पानी चुगता है. हालांकि उनके पास दो एकड़ जमीन थी, लेकिन उस पर खेती करने वाला कोई नहीं था बटाई से देकर काम चलाते थे. यह हालात देखकर एएसपी मीना ने संकल्प लिया कि वे इस परिवार को गोद लेंगे.

एएसपी ने परिवार से प्राथमिकता पूछी तो परिवार ने घर बनवाने के लिए कहा. तब एससपी ने अपने मित्र राजेश शर्मा, राजेंद्र शर्मा, मनोज भारद्वाज, राकेश भारद्वाज, नितेश जैन, राजकुमारी जैन, अमित जैन आदि के सहयोग से करीब 3 लाख रुपए की मदद जुटाई और चौहान का पक्का घर बनवाया. इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने भी रेडक्रॉस से मदद दिलवाई. 2015 में बड़ी बेटी की शादी और राजेश शर्मा ने कन्यादान लिया. पूरे समारोह में एएसपी मीना मौजूद रहे. 2016 में इनका वहां से ट्रांसफर हो गया, लेकिन परिवार की जिम्मेदारी अब भी निभा रहे हैं. अब तक कुल तीन बेटियों की शादी करवा चुके हैं सिर्फ एक बेटी बची है. एएसपी अमृत मीना कहते हैं कि कुछ काम मन के संतोष के लिए किए जाते हैं.

एएसपी ने 3 बेटियाें की कराई शादी
  1. बुरहानपुर में बौद्ध समाज की अनूठी पहल, झांसी की रानी के रूप में घोड़ी पर बैठाकर निकाली दुल्हन की बारात
  2. MP Niwari: महिला थाना प्रभारी की पहल से पति-पत्नी के बीच समझौता, खुशी-खुशी घर रवाना

एंबुलेंस का किराया, इलाज का लिया जिम्मा:एएसपी अमृत मीना की वर्तमान पोस्टिंग रायसेन जिले में है. फरवरी महीने में संतोष अहिरवार नामक शख्स अपनी बेटी को एंबुलेंस में लेकर अपने दामाद के खिलाफ शिकायत करने आया, क्योंकि दामाद की लापरवाही से बेटी के कूल्हें की हड्‌डी पूरी तरह टूट गई थी और वह सीधी लेट भी नहीं सकती थी. जब पुलिस ऑफिस पहुंचा तो एएसपी ने बाहर निकलकर संतोष की कहानी सुनी और उन्हें पता चला कि उसके पास एंबुलेंस का किराया भरने के पैसे भी नहीं है. इसके बाद एएसपी ने वहीं मौके पर किराया दिया और इसके बाद इलाज के खर्च की जिम्मेदारी भी ली. अब संतोष की बेटी का ऑपरेशन हो गया है और वह पूरी तरह स्वस्थ है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details