भुवनेश्वर : ओडिशा पिछले दिनों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास की गोली मार कर हत्या कर दी गई. उनका अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह नगर झारसुगुड़ा में किया गया. कई मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और उनके हजारों समर्थकों की मौजूदगी में झारसुगुड़ा के खेरुल मैदान में दास के नश्वर अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया। दास के बेटे विशाल ने हिंदू परंपरा का पालन करते हुए चिता को मुखाग्नि दी. बता दें कि इस वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी कोई बदमाश नहीं बल्कि मंत्री की सुरक्षा में तैनात एएसआई गोपाल दास है. बहरहाल, आरोपी एएसआई को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस घटना को अंजाम देने के पीछे कोई साजिश है या रंजिश, ये राज उसकी पत्नी जयंती दास ने खोला है. वहीं शासन ने आरोपी एएसआई को बर्खास्त कर दिया है.
एएसआई की पत्नी जयंती ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके पति सात-आठ साल से मानसिक रूप से बीमार थे. जिसकी वजह से वह दवाइयां भी ले रहे थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वह बायपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित था. हालांकि, आधिकारिक रूप से इस बाबत कोई जानकारी नहीं मिली है. वहीं क्राइम ब्रांच के एडीजी अरुण बोथरा ने बताया कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. फॉरेंसिक और साइबर एक्सपर्ट को जांच के लिए बुलाया गया है. हम कोशिश करेंगे कि आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिले.
जयंती ने बताया, "मुझे नहीं पता कि क्या हुआ है, इस घटना के बारे में न्यूज चैनल से पता चला. उन्होंने बेटी को करीब 11:00 बजे कॉल किया था. इसके बाद मुझसे बात करते-करते फिर अचानक फोन काट दिया और कहा कि उन्हें जाना है क्योंकि किसी का फोन आया है. पिछले सात-आठ साल उनके मानसिक असंतुलन की वजह से उन्होंने दवाइयां ली थीं, लेकिन बाद में वह सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करने लगे थे." बहरहाल, पुलिस ने गोपाल दास को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला अब ओडिशा क्राइम ब्रांच के पास है, जो गोपाल दास से पूछताछ कर रही है.
मनोविकार से पीड़ित रहा है हमलावर एएसआई
मंत्री नब किशोर दास की कथित रूप से गोली मारकर हत्या करने वाले एएसआई गोपालकृष्ण दास ने ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ नामक मनोविकार के कारण एक मनोवैज्ञानिक से उपचार कराया था. अतीत में मनोविकार से पीड़ित रहने के बावजूद गोपालकृष्ण दास को सविर्स रिवॉल्वर जारी की गई थी और उसे ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया. ब्रह्मपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा कि गोपालकृष्ण दास ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ से पीड़ित रहा है.
त्रिपाठी ने कहा, ‘‘दास सबसे पहले आठ से 10 साल पहले मेरे क्लिनिक आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था और उसका इलाज चल रहा था.’’ चिकित्सक ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या वह नियमित रूप से दवा ले रहा था. यदि दवाइयां नियमित रूप से नहीं ली जाती हैं, तो बीमारी फिर से पैदा हो सकती है. उसे मेरे पास आए एक साल हो गया है.’’
विशेषज्ञों के अनुसार, ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें मरीज के बर्ताव और मिजाज में अचानक अत्यधिक बदलाव आता रहता है. कभी वह अत्यंत खुश और कभी बहुत अवसाद में रहता है. इस बीमारी को काउंसलिंग समेत अन्य उपचारों से नियंत्रित किया जा सकता है. गोपालकृष्ण दास गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव का रहने वाला है. उसने ब्रह्मपुर में एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में अपना करियर शुरू किया था और बाद में 12 साल पहले उसे झारसुगुड़ा जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था.
झारसुगुड़ा के एसडीपीओ (अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी) गुप्तेश्वर भोई ने बताया कि ब्रजराजनगर क्षेत्र के गांधी चौक पर एक पुलिस चौकी का प्रभारी बनाए जाने के बाद एएसआई को लाइसेंसी पिस्तौल जारी की गई थी. गोपालकृष्ण दास की पत्नी जयंती ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका पति मनोविकार के कारण दवा लिया करता था. जयंती ने कहा, ‘‘वह हमसे 400 किलोमीटर दूर रहता है, इसलिए मैं यह नहीं बता सकती कि वह नियमित रूप से दवा ले रहा था या नहीं.’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोपालकृष्ण दास को रविवार को मंत्री नब दास के दौरे के मद्देनजर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था. पुलिस ने बताया कि उसने कथित तौर पर गोलियां उस समय चलाईं, जब मंत्री एक स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक कार से उतरे और उनके समर्थक उन्हें माला पहना रहे थे. उसने बताया कि गोपालकृष्ण दास ने मंत्री को निशाना बनाते हुए दो गोलियां चलाईं, लेकिन एक ही गोली निशाने पर लगी. पुलिस ने बताया कि घटना के तुरंत बाद दास ने हवा में गोलियां चलाकर मौके से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे पकड़ लिया गया. भोई ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि एएसआई ने मंत्री पर गोली क्यों चलाई.
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने स्वास्थ्य मंत्री की हत्या के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साइबर विशेषज्ञ, बैलिस्टिक विशेषज्ञ और अपराध शाखा के अधिकारियों सहित सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है और इस दल का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी रमेश सी डोरा कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि सीआईडी अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (27 शस्त्र कानून के साथ पढ़ा जाए) के तहत मामला दर्ज किया है.
नब किशोर दास : ओडिशा में किसी मंत्री की जान लेने का पहला मामला