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1993 Serial Train Blasts: टाडा कोर्ट में नहीं पेश हुए गवाह, अरेस्ट वारंट जारी

सन 1993 में देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में अजमेर में टाडा कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई टाडा कोर्ट में गवाहों को पेश नहीं कर सकी. कोर्ट ने गवाहों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. वहीं सीबीआई को निर्देश दिए हैं कि गवाहों को अगली तारीख पर उपस्थित किया जाए.

1993 Serial Train Blasts: टाडा कोर्ट में नहीं पेश हुए गवाह, अरेस्ट वारंट जारी
1993 Serial Train Blasts: टाडा कोर्ट में नहीं पेश हुए गवाह, अरेस्ट वारंट जारी

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Published : Nov 23, 2021, 2:08 PM IST

अजमेर:1993 में देश के विभिन्न हिस्सों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट (1993 Serial Train Blasts) के मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा (Tunda), हमीदुद्दीन और इरफान के खिलाफ अजमेर की टाडा कोर्ट (TADA Court Ajmer) में सुनवाई हुई.

बता दें कि, आज टाडा कोर्ट में मामले में गवाहों के बयान होने थे लेकिन सीबीआई (CBI) कोर्ट में गवाहों को पेश नहीं कर सकी.

मुख्य आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा के वकील शफकत सुल्तानी ने बाद में बताया कि अजमेर (Ajmer) की केंद्रीय कारागार जेल (Central Jail) परिसर में मौजूद टाडा कोर्ट (TADA Court) में गवाहों के पेश नहीं होने से टाडा कोर्ट ने गवाहों के खिलाफ अरेस्ट वारंट (Arrest Warrant Against Witnesses) जारी किया है.

पढ़ें- 1993 में देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन ब्लास्ट का मामला, 23 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

गवाह अंबा लाल गुर्जर को 20 दिसंबर को टाडा कोर्ट (TADA Court) में पेश करने के लिए सीबीआई (CBI) को निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा चार अन्य गवाहों को भी टाडा कोर्ट में पेश करने के लिए सीबीआई को कहा गया है. एक गवाह कनाडा में हैं. उन्हें बाद में टाडा कोर्ट में तलब किया जाएगा. वकील शफकत सुल्तानी ने बताया कि अगले माह दिसंबर में 20, 21, 22 और 23 को टाडा कोर्ट में निरंतर सुनवाई होगी.

1993 Serial Train Blasts: टाडा कोर्ट में नहीं पेश हुए गवाह, अरेस्ट वारंट जारी

उन्होंने बताया कि टाडा कोर्ट (TADA Court) में आरोपियों को भी पेश नहीं किया गया. वकील शफकत सुल्तानी ने बताया कि सीबीआई की चार्जशीट (CBI Chargsheet) के अनुसार 1993 में देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों के अंदर डॉ जलीस अंसारी और उसके साथियों ने सीरियल बम ब्लास्ट (1993 Serial Train Blasts) किए थे. जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी.

मामले में अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, हमीदुद्दीन और इरफान फरार थे. लिहाजा इन तीन आरोपियों के खिलाफ टाडा कोर्ट (TADA Court) में मुकदमा चल रहा है. बताया जाता है कि मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा (Tunda) पाकिस्तान के कुख्यात आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़ा हुआ था. वह पाकिस्तान भी जा चुका है वहां उसने बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी. 1993 में विभिन्न ट्रेनों में हुए लगाए गए बम अब्दुल करीम टुंडा ने ही बनाए थे.

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