बढ़ रहे कोविड 19 के मामले, डब्ल्यूएचओ ने देशों से निगरानी बढ़ाने को कहा
COVID 19 cases rise : भारत में एक दिन में कोविड-19 के 656 नए मामले सामने आए हैं. उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,742 हो गई है. उधर, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच डब्ल्यूएचओ ने देशों से निगरानी बढ़ाने को कहा है. WHO asks countries to strengthen surveillance.
नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से कोविड-19 और इसके नए उप-स्वरूप जेएन.1 तथा इन्फ्लूएंजा सहित श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों को देखते हुए निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने का आग्रह किया है. डब्ल्यूएचओ ने लोगों से भी ऐहतियाती कदम उठाने की अपील की है.
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'कोविड-19 वायरस विश्व स्तर पर सभी देशों में फैलता, परिवर्तित और प्रसारित होता रहता है. वर्तमान साक्ष्य से पता चलता है कि जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम कम है. इसके विकास के अनुसार हमें अपनी प्रतिक्रिया तय करनी चाहिए और लगातार नजर रखनी चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'इसके लिए देशों को निगरानी और अनुक्रमण को मजबूत करना होगा और आंकड़ों को साझा करना सुनिश्चित करना होगा.' डब्ल्यूएचओ ने जेएन.1 को इसके तेजी से वैश्विक प्रसार के बाद इसे निगरानी में रखे जाने वाले स्वरूप के रूप में वर्गीकृत किया है. हाल के सप्ताहों में, जेएन.1 के मामले कई देशों में सामने आए हैं और इसका प्रसार विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ रहा है.
सिंह ने कहा, सीमित उपलब्ध साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कम आंका गया है.
यह आशंका है कि यह स्वरूप अन्य वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के बीच कोविड-19 के मामलों में वृद्धि कर सकता है खासकर उन देशों में जहां सर्दियों का मौसम शुरू हो रहा है.
डॉ. खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'चूंकि लोग छुट्टियों के मौसम में यात्रा करते हैं और उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं, घर के अंदर बहुत सारा समय एक साथ बिताते हैं, जहां खराब वायु संचरण (वेंटिलेशन) श्वसन रोगों का कारण बनने वाले वायरस के संचरण की मदद करता है, इसलिए उन्हें सुरक्षात्मक उपाय करने चाहिए और अस्वस्थ होने पर समय पर इलाज कराना चाहिए.'
क्षेत्रीय निदेशक ने विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के खिलाफ टीकाकरण के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित सभी कोविड-19 टीके जेएन.1 सहित सभी प्रकारों से होने वाली गंभीर बीमारियों और मौत से रक्षा करते रहेंगे.'
भारत में कोविड-19 के 656 नए मामले :गौरतलब है किभारत में एक दिन में कोविड-19 के 656 नए मामले सामने आए,वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,742 हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक सामने आए कोविड-19 के मामलों की संख्या 4.50 करोड़ (4,50,08,620) है। देश में बीते 24 घंटे में संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत होने के कारण इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,33,333 हो गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,44,71,545 हो गई है. संक्रमण से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है, वहीं मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 220.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं.
महाराष्ट्र में नौ मामले जेएन.1 के :महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 50 नए मामले सामने आए, जिसके बाद महामारी फैलने के बाद से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 81,72,135 हो गई. स्वास्थ्य विभाग के दैनिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है. बुलेटिन में कहा गया है कि नए मामलों में से नौ जेएन.1 उपस्वरूप से जुड़े हैं. इसके साथ ही राज्य में इस नए स्वरूप जुड़े मामलों की कुल संख्या बढ़कर 10 हो गई. बुलेटिन के अनुसार जेएन.1 रोगियों में ठाणे शहर के पांच, पुणे शहर के दो, और पुणे जिले, अकोला शहर और सिंधुदुर्ग जिले के ग्रामीण इलाकों का एक-एक रोगी शामिल हैं. पुणे के एक मरीज ने अमेरिका की यात्रा की थी. बुलेटिन में कहा गया है कि जेएन.1 के सभी रोगी संक्रमण से उबर चुके हैं.
'नागरिकों और पर्यटन उद्योग को घबराने की जरूरत नहीं': वहीं, केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक ने रविवार को कहा कि नागरिकों और पर्यटन उद्योग को कोविड-19 की नई लहर को लेकर चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि देश पहले इस बीमारी का मुकाबला कर चुका है. वह दक्षिण गोवा में साप्ताहिक पत्रिका 'पांचजन्य' द्वारा आयोजित 'सागर मंथन 2.0' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
नाईक से जब पूछा गया कि क्या देश में महामारी फैलने पर फिर लॉकडाउन लगया जा सकता है तो उन्होंने कहा, 'घबराने की जरूरत नहीं है. यदि वह फिर आती है तो भी हम उसका मुकाबला कर सकते हैं. हमने पहले भी उसका मुकाबला किया है.'
नाईक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने केंद्र सरकार की प्रगतिशील नीतियों के कारण जबर्दस्त वापसी की. उन्होंने कहा कि केंद्र की नीतियों ने पर्यटन क्षेत्र को पारंपरिक क्षेत्रों से परे जाने में मदद की तथा स्थानीय लोगों के वास्ते नये अवसर सृजित किये.