आरजेडी दफ्तर में लगा पोस्टर से अरविंद केजरीवाल गायब पटनाः 23 जून शुक्रवार को पटना में विपक्षी एकता की बैठक होने जा रही है. इससे पहले ही राजधानी में पोस्टर वॉर शुरू (Bihar Poster War) हो गया है. गुरुवार के दिन पहले आम आदमी पार्टी की ओर से पोस्टर लगाया गया था, जिसमें नीतीश कुमार के ऊपर तंज कसा गया था. अब गुरुवार की रात राजद नेताओं की ओर से भी एक पोस्टर लगाया गाय है, जिसमें से अरिवंद केजरीवाल गायब हैं. उन्हें इस पोस्टर में जगह नहीं दिया गया है. इसके साफ है कि आज के बैठक में क्या होने वाला है. हालांकि अरविंद केजरीवाल बैठक के लिए पटना पहुंच चुके हैं.
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पोस्टर में विपक्ष के तमाम नेता शामिलः गुरुवार की रात लगाए गए पोस्टर में विपक्ष के तमाम वरीष्ठ नेता को शामिल किया गया है, लेकिन इसमें अरविंद केजरीवाल को जगह नहीं दिया गया. हालांकि इसमें आम आदमी का पार्टी का लोगो जरूर दिख रहा है, लेकिन अरिवंद केजरीवाल को अलग करने का मंशा समझ से परे है. नरेंद्र मोदी योगी आदित्यनाथ के कंधे पर अपना हाथ रखे हुए हैं, यह तस्वीर भी लगाई गई है. पोस्टर में लिखा गया है कि 'हे जनता जनार्दन, मेरा यह विराट रूप ही महागठबंधन का असली रूप है. मेरे इस रूप को देखकर पापी, देश को बेचने वाले, ठगने वाले एवं जुमलेबाज भाग जाते हैं.'
आप नीतीश पर कस चुका है तंजः गुरुवार की सुबह बीजेपी प्रदेश कार्यालय के ठीक सामने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ने पोस्टर लगाया था. इसके जरिए नीतीश कुमार पर हमला बोला गया था, साथ ही अरविंद केजरीवाल को 2024 का भावी प्रधानमंत्री बताया. BJP प्रदेश कार्यालय के गेट पर ठग्स ऑफ इंडिया का पोस्टर भी लगाया गया है, जिसमें परिवारवाद एवं भ्रष्टाचार में डूबी पार्टियों का महासम्मेलन बताया गया है. इसी कंपटीशन में राजद प्रदेश कार्यालय के गेट पर पोस्टर लगाकर विपक्ष के तमाम नेताओं को भगवान का रूप दिखाया गया है. इसमें से अरविंद केजरीवाल गायब हैं.
आप ने जारी की थि चिठ्ठीः बता दें कि बैठक से ठीक दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं को एक चिठ्ठी लिखी थी. इस चिठ्ठी के माध्यम से उन्होंने मांग की थी कि विपक्ष की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे अध्यादेश को लेकर चर्चा की जाए. केजरीवाल का कहना है कि इस अध्यादेश को राज्यसभा से पास नहीं किया जाए. राज्यसभा में आप के पास 10 सीट है, इसी कारण वह कांग्रेस से समर्थन मांग रही है ताकि अध्यादेश पास नहीं हो. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार दिल्ली के संदर्भ में यह कर सकती है.