चंडीगढ़ : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पंजाब के मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव और पावरकॉम के अध्यक्ष को दिल्ली बुलाकर 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने के मुद्दे पर प्लानिंग की. इस मीटिंग में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बिजली मंत्री हरभजन सिंह को भी नहीं बुलाया गया.
पंजाब के अफसरों को दिल्ली तलब करने पर बीजेपी ने केजरीवाल पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में यह बैठक बुलाई वह पूरी तरह से और असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि इस मीटिंग में न ही पंजाब के सीएम थे और न ही पावर मिनिस्टर. जबकि, पंजाब में चुनी हुई सरकार है.
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का ट्वीट.
सिरसा का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने किस हैसियत से यह मीटिंग बुलाई. क्या उनको लगता है कि पंजाब में जिन 92 MLA को जनता ने जिताया क्या वह नालायक हैं. या किसी काम के नहीं हैं. या अपने आपको केजरीवल सुपर सीएम समझते हैं. क्या भगवंत मान को भी नालायक समझते हैं. सिरसा ने ट्वीट में लिखा है कि क्या भगवंत मान को इस बैठक के बारे में पता है.अगर हां, तो उन्हें और केजरीवाल को पंजाबियों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने पंजाब के कद और उसकी इज्जत को सरेंडर किया है. ये बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी उठाए बैठक पर सवाल.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, नवजोत सिद्धू और विधायक सुखपाल खैहरा ने भी भगवंत मान सरकार की आलोचना की है. राजा वड़िंग ने ट्विटर पर लिखा कि क्या पंजाब की सरकार कठपुतली है, यह दिल्ली से चल रही है? पंजाब के अधिकारियों के साथ किस अधिकार के साथ दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने मीटिंग की. राजा वड़िंग ने भगवंत मान पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि, ‘सर तो झुका दिया ही था अब माथा भी टेक दिया है क्या?’ इसके अलावा कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शायराना अंदाज में भगवंत मान पर तंज कसा. उन्होंने लिखा कि अब साबित हो गया है कि पंजाब की सरकार दिल्ली के रिमोट कंट्रोल से चल रही है.
प्रताप सिंह बाजवा ने भी की अरविंद केजरीवाल की आलोचना.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि जिस बात का डर था वही हुआ. केजरीवाल ने संभावनाओं से पहले ही पंजाब पर कब्जा कर लिया था. पहले से यह निष्कर्ष निकाला था कि मान एक रबर स्टैंप है और अब केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करके इसे सही साबित कर दिया है.
बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने 300 यूनिट तक बिजली फ्री करने का वादा किया था. बताया जाता है कि राज्य की माली हालत को देखते हुए यह वादा पूरा करना आसान नहीं है.
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