नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय लोगों को चीनी घुसपैठ (Chinese intrusion) से बचाने के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की, लेकिन कहा कि केंद्र सरकार को सीमावर्ती राज्य को सुरक्षित करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है. अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बोसीराम सिरम (Arunachal Pradesh Congress President Bosiram Siram) ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमें भारतीय सेना पर गर्व है, जो सीमाओं की रक्षा कर रही है और चीनियों को हमारी एक इंच जमीन भी नहीं लेने दी है. लेकिन केंद्र सरकार को चीनी घुसपैठ से अरुणाचल प्रदेश को सुरक्षित करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है. इसलिए ऐसी घटनाएं होती हैं. एक के बाद एक सरकारें घुसपैठ पर ध्यान देती रही हैं. भाजपा सरकार भी इधर-उधर कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ तंत्रों में विफल हो रही है. ये तंत्र समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. हमें मौजूदा रणनीति से आगे बढ़कर इस तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए नई रणनीति बनानी होगी.'
यह प्रतिक्रिया 9 दिसंबर को तवांग क्षेत्र में एक ताजा घुसपैठ के बाद आई, जिसके दौरान भारतीय सेना के जवानों ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को आमने-सामने की लड़ाई के बाद पीछे धकेल दिया. कांग्रेस नेता के अनुसार, चीनी पीएलए द्वारा इस तरह की सीमा घुसपैठ और उनके द्वारा स्थानीय लोगों का अपहरण अरुणाचल प्रदेश में नियमित विशेषताएं थीं और जब तक समस्या को समग्र रूप से संबोधित नहीं किया जाता तब तक यह खत्म नहीं होगा.
सिरम ने कहा, '9 दिसंबर की घटना कोई नई नहीं थी. पीएलए का एजेंडा सीमावर्ती इलाकों में स्थानीय लोगों को परेशान करना है. वे इसे एक युक्ति के रूप में उपयोग करते हैं. पिछले साल पीएलए ने दो स्थानीय लड़कों का अपहरण कर लिया था. मामले में भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. आम लोग इस तरह की घटनाओं से खासे नाराज हैं. जब वे भोजन की तलाश में सीमावर्ती क्षेत्रों के पास जाते हैं तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है और पीएलए द्वारा अपहरण किए जाने का डर रहता है.'