देहरादून (उत्तराखंड): 22 जनवरी को अयोध्या में जब रामलला विराजमान होंगे. उसी समय भगवान राम और उनसे जुड़ी कई मूर्तियों की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस पूरे समारोह में भगवान राम की मूर्ति बनाने वाले शिल्पकार पर भी सबकी नजर होगी. कर्नाटक के मैसूर जिले से ताल्लुक रखने वाले शिल्पकार अरुण योगीराज के हाथों से बनी मूर्तियां अयोध्या में स्थापित होने जा रही हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि इसकी पटकथा उस समय ही लिख दी गई थी जब पीएम मोदी ने केदारनाथ धाम में आदि गुरू शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया था.
केदारनाथ धाम में शंकराचार्य की मूर्ति आई पसंद:कर्नाटक के मैसूर जिले से ताल्लुक रखने वाले अरुण योगीराज के हाथों की कलाकारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में उस वक्त देखा था जब केदारनाथ में गुरू शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया था. मूर्ति को भारत के प्रसिद्ध शिल्पकार अरुण योगीराज ने बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मूर्ति की तारीफों में कसीदे पढ़े थे. यह पहला मौका था जब अरुण योगीराज चर्चा में आए.
केदारनाथ धाम में स्थापित शंकराचार्य की मूर्ति की कई विशेषताएं हैं. इस मूर्ति को बनाने के लिए देश भर के 18 शिल्पकारों ने अलग-अलग मॉडल दिए थे. तमाम मूर्तियों के मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंचे और पीएम मोदी ने बारीकी से अध्ययन करने के बाद शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई शंकराचार्य की मूर्ति के मॉडल को सबसे बेहतर माना था. इसके बाद साल 2020 में अरुण योगीराज ने शंकराचार्य की मूर्ति को बनाने का काम शुरू किया. मूर्ति इसलिए भी खास थी क्योंकि साल 2013 की आपदा में धाम में मौजूद शंकराचार्य की मूर्ति बह गई थी. पीएम खुद चाहते थे कि वहां एक भव्य और बेहद खूबसूरत मूर्ति स्थापित हो.
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