राजौरी/जम्मू: जम्मू कश्मीर (jammu and kashmir) के राजौरी जिले में पकड़े गये पाकिस्तान के एक आतंकवादी (Pakistani terrorist) को पाक खुफिया एजेंसी के एक कर्नल ने भारतीय सेना की चौकी पर हमले के लिए 30,000 रुपये दिये थे. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कोटली के सब्जकोट गांव के निवासी 32 वर्षीय तबारक हुसैन (tabarak hussain) को रविवार को नौशेरा सेक्टर में गिरफ्तार किया गया था. हुसैन के साथी भारतीय सैनिकों द्वारा ललकारे जाने पर उसे छोड़कर वापस भाग गये थे.
अधिकारियों ने कहा कि पिछले छह साल में दूसरी बार हुसैन (tabarak hussain) को सीमापार से इस तरफ घुसपैठ की कोशिश करने के दौरान गिरफ्तार किया गया. वह पाकिस्तानी सेना की एक खुफिया इकाई के लिए भी काम करता था. सेना की 80 इन्फेंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर कपिल राणा ने बताया कि 21 अगस्त को सुबह के समय झानगड़ में तैनात चौकन्ने जवानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दूसरी तरफ से दो से तीन आतंकवादियों की गतिविधि देखी.
उन्होंने कहा, एक आतंकवादी भारतीय चौकी के करीब आया और उसने बाड़ काटने की कोशिश की. चौकन्ने जवानों ने उसे ललकारा. हालांकि भागने की कोशिश कर रहा आतंकवादी गोली लगने से घायल हो गया. अधिकारी ने कहा कि पीछे छिपे हुए दो आतंकवादी घने जंगल की आड़ में भाग निकले. उन्होंने कहा, घायल पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया और तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के साथ उसकी सर्जरी की गयी.
ब्रिगेडियर राणा ने कहा कि पकड़े गये आतंकवादी ने अपनी पहचान पीओके में कोटली के सब्जकोट गांव के रहने वाले हुसैन (tabarak hussain) के रूप में की है. उन्होंने कहा, ज्यादा पूछताछ पर आतंकवादी ने भारतीय सेना की चौकी पर हमले की अपनी साजिश को कबूल किया. हुसैन ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कर्नल यूनुस चौधरी ने उसे भेजा था और 30,000 रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) दिये थे. हुसैन ने लंबे समय से आतंकवाद से जुड़े होने की बात कबूल की है और बताया कि पाकिस्तानी सेना के मेजर रज्जाक ने उसे प्रशिक्षण दिया है.