नई दिल्ली : बीजेपी दिल्ली प्रदेश के युवा मोर्चा सदस्य और प्रवक्ता तजिंदरपाल बग्गा के मुद्दे पर सियासत गर्म हो गई है. इस एक मामले ने तीन राज्यों की पुलिस को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. सिर्फ यही घटना ही नहीं, बल्कि पिछले कुछ दिनों से देखा जाए तो राज्यों के बीच आपसी में वैमनस्यता बढ़ती जा रही है और नियम कानून और संविधान को दरकिनार करते हुए एक-दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है. सरकारों पर आक्षेप लगाने के अलावा अब क्षेत्राधिकार का भी हनन शुरू हो चुका है. और यह किसी भी लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है.
हेट पॉलिटिक्स या बदले की राजनीति, में राज्य सरकारें यह भूल जा रही है कि देश में एक कानून और संविधान भी है और लोकतंत्र उसी के अनुकूल चलता है. एक तरफ जहां गैर बीजेपी शासित सरकार जिसमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान और पंजाब सरकार, केंद्र सरकार के मंत्रालयों पर गाहे-बगाहे आरोप लगाती रहीं हैं कि वह राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप करती है. वहीं राज्य सरकार अब बदले की भावना पर उतारू नजर आ रही है. जानकारों का मानना है कि खास तौर पर यह तब से और भी ज्यादा बढ़ चुका है, जब से पंजाब में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के पास पुलिस आ गई है. तजिंदर बग्गा के घर कुछ दिन पहले भी पंजाब पुलिस दस्तक दे चुकी थी. मामला एक ट्वीट से शुरू हुआ, जिसमें बीजेपी नेता बग्गा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ट्वीट कर हमला किया था. इसे भड़काऊ बताते हुए आप ने देश और जनता के खिलाफ बताते हुए देशद्रोह का मामला बता दिया.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब पंजाब पुलिस ने दिल्ली के किसी नेता पर कार्रवाई की हो. इससे पहले भी पुंजब पुलिस दिल्ली की नेता अलका लांबा पर कारवाई कर चुकी है. बग्गा के परिवार वाले आरोप लगा रहे हैं कि शुक्रवार को गिरफ्तार करने पहुंची पंजाब पुलिस ने उनके पिता के साथ भी बदसलूकी की. ये तो रही दिल्ली और पंजाब की बात, यदि केरल, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और राजस्थान के हाल के मसलों को भी देखें, तो सभी जगह बदले की राजनीतिक घटनाएं ही देखने को मिलती हैं.
बग्गा की पंजाब पुलिस द्वारा दिल्ली से गिरफ्तारी, फिर दिल्ली पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया जाना और हरियाणा पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस को बग्गा को ले जाने से रोक देना, कहीं ना कहीं पूरा मामला किसी फिल्मी किताब जैसी दिख रही है. मामला यहीं नहीं रुका रुका और आप सरकार पंजाब हाई कोर्ट में पहुंच गई, जिस पर कोर्ट ने पंजाब पुलिस को भगाकर ले जाने से रोकने के मामले में हरियाणा सरकार से जवाब मांग लिया. यानी वार-पलटवार की लड़ाई में अलग-अलग राज्य और केंद्र सभी मिलकर अपने-अपने पावर का इस्तेमाल राजनीतिक सियासत और बदले की राजनीति के लिए भरपूर करते हुए नजर आ रहे हैं.
एक तरफ जहां भाजपा के दिल्ली प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया केजरीवाल पर एक-एक कर हमला बोला और भाजपा मुख्यालय से एक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को आधुनिक भारत का तानाशाह तक करार दे दिया, वहीं आम आदमी पार्टी ने भी एक के बाद एक लगातार दो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा युवा नेता तजिंदर पाल बग्गा पर संगीन आरोप लगा दिए, जिसमें देशद्रोह तक के आरोप शामिल हैं.