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दीपावली से पहले बुझ गए कई परिवारों के चिराग - पाकिस्तान की फायरिंग

जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पाकिस्तान की फायरिंग में भारत के पांच जवान शहीद हुए हैं. दीपावली से पहले परिवारों के चिराग बुझने से मातम पसरा है.

सुबोध घोष
सुबोध घोष

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Published : Nov 14, 2020, 3:02 PM IST

Updated : Nov 14, 2020, 5:12 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान द्वारा उरी सेक्टर में संघर्ष विराम उल्लंघन के दौरान शुक्रवार को भारत के पांच जवान शहीद हुए. वतन पर जान न्यौछावर करने वालों में असम के धुबरी जिले के हरधन चंद्र रॉय, पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के सुबोध घोष और नागपुर के नाइक भूषण रमेशराव सताई शामिल हैं.

दीपावली से पहले कई परिवारों के चिराग बुझने से कोहराम मचा है. साल 2001 में सेना में शामिल होने वाले हरधन चंद्र रॉय परिवार की इकलौती संतान थे. वह मां, पत्नी, तीन बहनों और दो साल के बेटे को छोड़ गए. असम के सीएम ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का आदेश दिया है.

दिसंबर में घर आना था, मरने की खबर आई
24 साल की उम्र में जिंदगी को अलविदा कहने वाले सुबोध घोष के परिवार के सामने भी अंधेरा छा गया है. सुबोध घोष को दिसंबर में घर लौटना था, लेकिन मौत की खबर आई. उनके पिता गौरंगा घोष किसान हैं. सुबोध चार साल पहले बीएसएफ में शामिल हुए थे. उनका तीन महीने का एक बच्चा है.

मजदूरी कर बेटे को पाला
6 मराठा लाइट इन्फेंट्री के जवान नाइक भूषण रमेशराव सताई नागपुर जिले के काटोल शहर से थे. 2011 में सेना में शामिल नाइक भूषण रमेशराव की राह आसान नहीं थी. पिता ने मजदूरी कर बेटे को पाला.

पढ़ें- एलओसी पर पाकिस्तान के 11 सैनिक ढेर, सेना ने तबाह किया बंकर

Last Updated : Nov 14, 2020, 5:12 PM IST

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