नई दिल्ली:सेना प्रमुख मनोज पांडे ने गुरुवार को एलएसी की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि भूमि युद्ध का प्रमुख क्षेत्र बनी रहेगी, खासकर जब आपके पास विवादास्पद सीमा हो, खासकर हमारे पास. नई दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में चाणक्य संवाद के उद्घाटन कार्यक्रम में बोलते हुए सेना प्रमुख ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि भू-रणनीतिक परिदृश्य में अभूतपूर्व परिवर्तन हो रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है.
पिछले एक साल से सेना प्रमुख के पद पर बैठे जनरल मनोज पांडे ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों पर बात करते हुए कहा कि यह हमारे लिए चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक रहा है. जहां तक संचालन का सवाल है, हम स्थिर हैं. ऐसे समय में जब दुनिया रूस-यूक्रेन और अब इज़राइल और हमास के बीच कई युद्ध देख रही है, सैन्य रणनीतिकार और विश्लेषक आधुनिक युद्ध में बदलती रणनीति के बारे में बात कर रहे हैं.
इसी तरह, पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत, जो पहले सीडीएस बने, तीनों सैन्य विंगों में संयुक्तता का विचार लेकर आए और 'थिएटराइजेशन' का विचार लेकर आए. उन्होंने आगे कहा कि सेना समग्र सुधार प्रक्रिया के हिस्से के रूप में बल पुनर्गठन, प्रौद्योगिकी समावेशन, मौजूदा संरचनाओं में सुधार, संयुक्तता और मानव संसाधन प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
जनरल पांडे ने कहा कि हम सेना में आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर महत्वपूर्ण ध्यान दे रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में बोलते हुए, सेना प्रमुख ने कहा कि सेना ने रूस-यूक्रेन संघर्ष से जो बड़ा सबक सीखा वह यह है कि वह सैन्य हार्डवेयर के आयात पर भरोसा नहीं कर सकती.