नई दिल्ली : भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को क्षेत्र में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि चीन के बढ़ते हस्तक्षेप के साथ पड़ोसियों से संपर्क एवं सुरक्षा मामलों पर अपने वादों को निभाने में उसकी विफलता क्षेत्र के लिए प्रमुख चिंताएं हैं.
जनरल नरवणे ने असम राइफल्स और यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन के एक वार्षिक सेमिनार के दौरान यह बात कही. सेमिनार का विषय पूर्वोत्तर में सुरक्षा चुनौतियां रहा, जिस पर बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा, 'भारत के पड़ोस में चीन के बढ़ते कदमों और विवादित सीमाओं के साथ एकतरफा रूप से यथास्थिति में बदलाव के उसके प्रयासों ने टकराव और आपसी अविश्वास का माहौल बनाया है.'
सेना प्रमुख ने पूर्वोत्तर और क्षेत्र में मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि क्षेत्रीय और आंतरिक कनेक्टिविटी सुरक्षा के लिए काफी हद तक जुड़ी हुई है और यह पूर्वोत्तर की क्षमता को उजागर करने और चीन के प्रभाव को संतुलित करने का समय है.
नरवणे ने कहा, 'पूर्वोत्तर की क्षमता को उजागर करना और चीन के प्रभाव को संतुलित करना महत्वपूर्ण है.'
उन्होंने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि वादों को पूरा करने में विफलता के साथ, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार के लिए भारत के प्रयासों को विफल कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और त्रिकोणीय राजमार्ग दोनों में ही लागत और समय में वृद्धि देखी गई है.
सेना प्रमुख ने कहा कि चीन-अमेरिकी प्रतिद्वंद्विता ने क्षेत्रीय असंतुलन और अस्थिरता पैदा की है.
चीनी हस्तक्षेप और वादों को निभाने में विफलता चिंता का प्रमुख कारण : सेना प्रमुख - भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे
असम राइफल्स और यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन के एक वार्षिक सेमिनार के दौरान सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि आंतरिक कनेक्टिविटी सुरक्षा के लिए काफी हद तक जुड़ी हुई है और यह पूर्वोत्तर की क्षमता को उजागर करने और चीन के प्रभाव को संतुलित करने का समय है.
Army Chief
पढ़ेंःरक्षा मामलों की संसदीय समिति पैंगोंग और गलवान घाटी का करेगी दौरा
नेपाल के विषय पर बोलते हुए नरवणे ने कहा कि पड़ोसी देश, जो भारत का दीर्घकालिक साझेदार है, वहां भारी चीनी निवेश हुआ है और नेपाल राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है.
उन्होंने कहा, 'वहीं भूटान ने अपने दृष्टिकोण में सतर्कता बरतते हुए बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों में तेजी देखी है.'