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Terrorists at PoK launchpads : सेना प्रमुख ने कहा, एलओसी के पास शिविरों में मौजूद हैं 400 आतंकी

सेना प्रमुख एमएम नरवणे (Army Chief Naravane) ने कहा है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से आने वाले खतरे कम नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी लॉन्चपैड (terrorists at PoK launchpads) और ट्रेनिंग कैम्प में 350 से 400 आतंकियों (terrorists in pok training camps) के मौजूद होने की सूचना है.

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सेना प्रमुख एमएम नरवणे

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Published : Jan 12, 2022, 9:33 PM IST

नई दिल्ली : सेना प्रमुख (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Army Chief Naravane) ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (naravane pakistan occupied Kashmir) में लॉन्चपैड (terrorists at PoK launchpads) और प्रशिक्षण शिविरों में 350-400 आतंकवादी मौजूद हैं. भारतीय सेना की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है.

पाक के नापाक इरादे उजागर, भारत का जीरो टॉलरेंस
बुधवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा, हालांकि नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड में आतंकवादियों (terrorists at PoK launchpads) की एकाग्रता में वृद्धि और बार-बार घुसपैठ की कोशिशों ने एक बार फिर उनके (पाकिस्तान के) नापाक इरादों को उजागर कर दिया है. उन्होंने कहा, हमने अपनी ओर से आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस (naravane Zero Tolerance to terror) दिखाने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण से सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है.

घाटी को अशांत करने का प्रयास
उन्होंने कहा कि छद्म आतंकवाद तंजीम का मुखौटा (facade of proxy terror Tanzeems) लगाकर आतंकवाद को एक स्वदेशी रंग देने के प्रयास (indigenous hue to terrorism Efforts) बुरी तरह विफल रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों ने अल्पसंख्यकों और गैर स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर घाटी में शांति भंग करने के अपने प्रयासों को फिर से सक्रिय कर दिया (re-energised attempts of disrupting Valley) है.

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नरवणे ने कहा, हालांकि, हम इन चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम हैं. सियाचिन के बारे में बात करते हुए नरवणे ने कहा कि सियाचिन मामला पाकिस्तान की एकतरफा कोशिशों के कारण हुआ है. यह बताते हुए कि कैसे सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया हो सकती है, नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर के विसैन्यीकरण के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा, लेकिन एक पूर्व शर्त पाकिस्तान द्वारा वास्तविक जमीनी स्थिति रेखा की स्वीकृति है.

सेना प्रमुख ने कहा, खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता (naravane threat cannot be ignored) है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर लंबे समय तक तनावपूर्ण स्थिति (pak loc prolonged heightened situation) के बाद पिछले साल फरवरी में डीजीएमओ की अंडरस्टैंडिंग (india pak DGMO understanding february) का उद्देश्य पारस्परिक रूप से लाभप्रद और स्थायी शांति हासिल करना था. नरवणे ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है.

बता दें कि डीजीएमओ हॉटलाइन संपर्क के संबंध में रक्षा मंत्रालय ने 25 फरवरी, 2021 को संयुक्त बयान जारी किया था. इसमें कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन संपर्क के स्थापित तंत्र के बारे में विचार-विमर्श किया. दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में एक खुले, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्थिति की समीक्षा की.

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रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक भारत और पाक की सीमाओं के साथ-साथ पारस्परिक रूप से लाभदायक और स्थायी शांति अर्जित करने के हित में दोनों डीजीएमओ एक-दूसरे के उन प्रमुख मुद्दों और चिंताओं के बारे में चर्चा करने पर सहमत हुए जिनमें शांति को भंग करने और हिंसा को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति है.

बयान में कहा गया था कि दोनों पक्षों ने सभी अनुबंधों और समझौतों का कड़ाई से पालन करने और 24/25 फरवरी 2021 की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में युद्धविराम का पालन करने पर सहमति व्यक्त की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्षों ने यह दोहराया कि हॉटलाइन संपर्क के मौजूदा तंत्र और सीमा पर फ्लैग बैठकों का उपयोग किसी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी का समाधान करने के लिए किया जाएगा.

(आईएएनएस)

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