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पाकिस्तान और चीन दोनों से निपटने में सक्षम है हमारी सेना : जनरल नरवणे - Naravane on pakistan

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. हमारे पास आतंक के प्रति शून्य-सहिष्णुता है. हम एक समय और स्थान पर जवाब देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं.

मनोज मुकुंद नरवने
मनोज मुकुंद नरवने

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Published : Jan 12, 2021, 12:15 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 1:57 PM IST

नई दिल्ली :सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आतंकवाद और वैश्विक खतरों से निपटने के लिए सेना की तैयारियों पर चर्चा करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन मिलकर बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य और गैर-सैन्य दोनों क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है, इससे निपटने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सीमा पर किसी भी हालात से निपटने के लिए सेना तैयार है. पाक और चीन दोनों को जवाब देने में देश सक्षम है. जनरल नरवणे ने कहा कि लद्दाख में सेना हाई अलर्ट पर है. एलएसी पर हालात जस के तस बने हुए हैं.

सेना प्रमुख ने कहा कि हमारा बहुत स्पष्ट रुख है कि हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे. भारतीय सेना देश के सामने आने वाले हर खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

हमारे पास आतंक के प्रति शून्य-सहिष्णुता है. हम एक समय और स्थान पर जवाब देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं. यह हमारी तरफ से एक स्पष्ट संदेश है.

उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक प्रौद्योगिकी-सक्षम सेना विकसित करने के लिए, सभी नई तकनीकों को लाने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया गया है.

सेना प्रमुख ने कहा, पिछला साल चुनौतियों से भरा था और हमें चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें शीर्ष पर आना था. मुख्य चुनौती कोरोना महामरी और उत्तरी सीमाओं पर बिगड़ती स्थितियां थी.

उन्होंने कहा, हमने उत्तरी सीमाओं पर सतर्कता की स्थिति बनाए रखी है. हम एक शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन किसी भी मुश्किल स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं. सभी लॉजिस्टिक्स का ध्यान रखा जा रहा है.

सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, हर साल पीएलए के सैनिक पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों में आते हैं. सर्दियों और प्रशिक्षण अवधि के पूरा होने के बाद प्रशिक्षण क्षेत्रों को खाली कर दिया जाता है.

जहां तक ​​टकराव की बात है, तो हमारी सैन्य ताकत में कोई कमी नहीं आई है.

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आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर मुद्दों को संबोधित करने के लिए वार्ता (भारत और चीन के बीच) की जाएगी. मुझे विश्वास है कि हम इस मुद्दे को हल करने में सक्षम होंगे.

उन्होंने कहा कि भले ही हमारे पास अधिक ऊंचाई पर अधिक सैनिक हैं, लेकिन ठंड के कारण हुई सैनिकों की मौत का आंकड़ा पिछले साल की तुलना इस साल थोड़ा ज्यादा है. पिछले साल यह आंकड़ा 0.13 फीसदी था और इस साल यह आंकड़ा 0.15 फीसदी है.

सभी उत्तरी सीमाओं पर हम सतर्क हैं. एलएसी के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में संघर्षण बिंदु हैं जहां चीन ने बुनियादी ढांचे का विकास किया है. हम सतर्कता रखते हुए इसकी निगरानी कर रहे हैं और इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बना लिया है.

वास्तव में उत्तरी सीमाओं की ओर पुनर्संतुलन की आवश्यकता थी और यही हमने अब लागू किया है.

Last Updated : Jan 12, 2021, 1:57 PM IST

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