सेना प्रमुख ने पुंछ का दौरा किया, 'बहुत ही पेशेवर तरीके से' अभियान संचालित करने को कहा
army chief visit Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान को तेज कर दिया गया है. हाल की घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिए गए हैं. उधर, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सोमवार को पुंछ का दौरा किया.
राजौरी/जम्मू: पुंछ में पिछले हफ्ते घात लगाकर किए गए हमले में चार जवानों की मौत के बाद आतंकवादियों की तलाश में जारी अभियान के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को मौके का दौरा किया और कमांडरों को 'बहुत ही पेशेवर तरीके से' अभियान संचालित करने के लिए प्रोत्साहित किया. थल सेनाध्यक्ष ने उनसे सभी चुनौतियों के प्रति दृढ़ रहने को भी कहा.
पुंछ जिले में सुरनकोट थाना क्षेत्र के अंतर्गत ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर गुरुवार को घात लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें चार जवानों की जान चली गई थी.
सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'जनरल मनोज पांडे ने पुंछ सेक्टर का दौरा किया और उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई. सेना प्रमुख ने मौके पर कमांडरों के साथ बातचीत की तथा उन्हें बहुत ही पेशेवर तरीके से अभियान चलाने और सभी चुनौतियों के खिलाफ दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहित किया.'उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख बाद में राजौरी में 25 इन्फैंट्री डिवीजन मुख्यालय गए और वहां मौजूद कमांडरों ने उन्हें समग्र सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर पुंछ और राजौरी दोनों जिलों में सोमवार को तीसरे दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं ताकि अफवाहों पर लगाम कसी जा सके और बदमाशों को कानून एवं व्यवस्था के लिए मुश्किल पैदा करने से रोका जा सके. तीन आम लोगों की हत्या के बाद शनिवार तड़के सेवाएं निलंबित कर दी गईं थी.
उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन और वरिष्ठ असैन्य और पुलिस अधिकारी आतंकवाद विरोधी अभियान और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के वास्ते निगरानी के लिए राजौरी और पुंछ जिलों में डेरा डाले हुए हैं.
पुंछ में तीन नागरिकों की मौत, सेना ने शुरू की 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' :उधर, जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हालिया आतंकवादी हमले में तीन सैनिकों के शहीद होने के बाद सुरक्षा बल द्वारा पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए तीन नागरिकों की मौत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद सेना ने 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' शुरू की है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
घटना को गंभीरता से लेते हुए सेना ने एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी का तबादला कर दिया गया और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हिरासत में आम नागरिकों को यातना दिए जाने के आरोप लगे, जिसके बाद जनता में आक्रोश देखने को मिला.
इक्कीस दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में तीन सैनिकों की जान चली गई. हमले के बाद सेना ने 27 से 42 वर्ष की आयु के तीन आम नागरिकों को पूछताछ के लिए कथित तौर पर हिरासत में लिया था और वे तीनों 22 दिसंबर को मृत पाए गए. कथित तौर पर उन्हें यातना दिए जाने संबंधी कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आए थे. सूत्रों ने कहा कि अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए सेना ने कथित यातना और उसके बाद तीन नागरिकों की मौत की घटना 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' शुरू कर दी है.
सूत्रों ने कहा कि सुरनकोट क्षेत्र के प्रभारी ब्रिगेडियर स्तर के एक अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया गया और संबंधित इकाई के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने अज्ञात आरोपी सैन्यकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है.
एक अधिकारी ने प्राथमिकी के हवाले से बताया, '21 दिसंबर को हुई आतंकी घटना के बाद, सेना के जवानों ने हमले के बाद फरार हुए आतंकवादियों की तलाश में बफलियाज के टोपा पीर में तलाशी ली. इस दौरान, सेना के जवानों ने पूछताछ के लिए कुछ स्थानीय युवाओं को हिरासत में लिया, जिनमें शामिल सफीर अहमद, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद ने कथित तौर पर चोटों के कारण दम तोड़ दिया.' उन्होंने कहा, 'इस प्रकार, आईपीसी की धारा 302 के तहत संज्ञेय अपराध बनता है. चूंकि, तत्काल मामला विशेष प्रकृति का है... जांच शुरू होने पर विशेष रिपोर्ट अलग से प्रस्तुत की जाएगी.'