नई दिल्ली : सेना चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के अपने पुराने बेड़े को 2027 से चरणबद्ध तरीके से सेवा से हटाने पर विचार कर रही है और इनके स्थान पर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर को शामिल करने के साथ-साथ पट्टे पर लेने के विकल्प तलाशने पर विचार कर रही है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.
सूत्रों ने बताया कि आर्मी एविएशन कोर वर्तमान में लगभग 190 चेतक, चीता और चीतल हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है. सेना को लगभग 100 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) मिलेंगे, साथ ही वह अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए हेलीकॉप्टर लीज पर लेने के विकल्प पर भी विचार कर रही है.
एक सूत्र ने कहा, 'हमें टोही और निगरानी गतिविधियों के लिए लगभग 250 हल्के हेलीकॉप्टर की आवश्यकता है. इनमें से लगभग 100 से अधिक लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर होंगे और एचएएल के पास आज की क्षमता को देखते हुए, हमें चीता और चेतक के पूरे बेड़े को बदलने के लिए वैकल्पिक साधनों पर भी विचार करना होगा.'
एलयूएच का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करता है. सूत्र ने कहा, 'हम कुछ अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जैसे पट्टे के विकल्प, जिसके तहत हम कुछ वर्षों के लिए कुछ हेलीकॉप्टर पट्टे पर लेते हैं, और बाद में यदि एचएएल शेष संख्या का निर्माण करने में सक्षम होता है, तो शायद हम एचएएल से भी ले सकते हैं. हालांकि जोर स्वदेशीकरण और देश के भीतर से हेलीकॉप्टर लेने पर है.'