इंफाल:मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है. सेना के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 7,500 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है. उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
मणिपुर हिंसा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात की है. शाह ने एन बीरेन सिंह को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. वहीं, मणिपुर हिंसा पर बॉक्सर और पूर्व राज्यसभा सांसद एमसी मैरी कॉम ने भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि मुझे मणिपुर की स्थिति के बारे में अच्छा नहीं लग रहा है. बीती रात से स्थिति बिगड़ी हुई है, मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है. यह स्थिति जल्द से जल्द सामान्य होनी चाहिए.
खड़गे ने की शांति बनाए रखने की अपील:कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मणिपुर हिंसा पर कहा है कि 'मणिपुर जल रहा है.' इसके साथ ही खड़गे ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया था और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया. उन्होंने बताया, 'स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है.' राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई.
मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया. पुलिस के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के लोगों पर हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में मेइती समुदाय के लोगों ने भी हमले किए, जिसके कारण पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई.
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