लखनऊ : सशस्त्र बल अधिकरण की लखनऊ पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार एक पूर्व सैनिक की पत्नी को दिव्यांगता पेंशन और फेमिली पेंशन देने का आदेश भारत सरकार को दिया. इस मामले में जवान की पत्नी 33 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी जिसके बाद उन्हें न्याय मिल सका.
ये था पूरा मामला
वादी आशिया बेगम के पति हिदायत उल्ला सन 1965 में सेना में भर्ती हुए थे. उनको सन 1988 में लगभग 23 वर्ष की नौकरी के बाद सेप्टि थ्राम्बो एम्बोलिज्म की बीमारी हो गई. इसके बाद सेना के मेडिकल बोर्ड ने यह कहकर उनको कार्यमुक्त कर दिया. इसके बाद सैनिक हिदायत उल्ला ने करीब 31 साल तक सेना से पत्राचार किया. लेकिन जब उनको न्याय नहीं मिला. जिसके बाद सन 2019 में सैनिक हिदायत उल्ला ने सशस्त्र बल अधिकरण की लखनऊ पीठ में वाद दायर किया था. इसी बीच 2019 में ही सैनिक हिदायत उल्ला की मृत्यु हो गयी. सैनिक हिदायत उल्ला निधन के बाद उनके पत्नी आशिया बेगम ने अपनी लड़ाई जारी रखी.
सेना कोर्ट ने दिया आदेश