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गलवान संघर्ष में सशस्त्र बलों की भूमिका ने बढ़ाया भारत का कद : सेना उप-प्रमुख

भारतीय सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती का कहना है कि वह समय अब अधिक दूर नहीं है जब हमें भी दुनिया की महाशक्तियों में गिना जाएगा. उन्होंने कहा कि आज हर कोई भारत के बारे में एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता देश के रूप में बात करता है.

Lieutenant General Chandi Prasad Mohanty
Lieutenant General Chandi Prasad Mohanty

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Published : Sep 27, 2021, 2:31 AM IST

नई दिल्ली :भारतीय सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने रविवार को कहा कि डोकलाम प्रकरण और गलवान घाटी संघर्ष के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई भूमिका ने न केवल देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया, बल्कि इससे वैश्विक स्तर पर भारत का कद ऊंचा हुआ है.

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने भारतीय सशस्त्र बलों के मूल चरित्र पर विस्तार से बात की और 1965 के युद्ध, 1971 के युद्ध तथा कारगिल संघर्ष के दौरान सुरक्षा बलों के प्रमुख योगदान पर प्रकाश डाला.

लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा, 'डोकलाम और गलवान में जो कुछ हुआ, उसने न केवल देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारा कद भी ऊंचा हुआ है. आज हर कोई भारत के बारे में एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता देश के रूप में बात करता है.'

विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (वीआईपीएस) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सेना उप-प्रमुख ने कहा, 'वह समय अब अधिक दूर नहीं है जब हमें भी दुनिया की महाशक्तियों में गिना जाएगा.'

गौरतलब है कि 2017 में डोकलाम ट्राई-जंक्शन में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था. इसके परिणामस्वरूप परमाणु हथियार संपन्न दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्ध की आशंका भी पैदा हो गई थी. डोकलाम क्षेत्र में चीन द्वारा सड़क बनाने का भारत ने कड़ा विरोध किया था. दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह विवाद समाप्त हुआ था.

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इसके बाद 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय सेना ने शातिर चीनी सैनिकों के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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