बेंगलुरु: प्रमुख सेनाध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को राजनीतिक घटनक्रम और उन्नत तकनीकी के कारण तेजी से बदले एक ऐसे परिवेश में काम करना होगा जिसके लिए संगठनात्मक ढांचे के साथ-साथ मानसिकता में में भी लचीलेपन की जरूरत होगी. 'सिनर्जिया कॉन्क्लेव 2023' में वैश्विक भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों पर वर्चुअल माध्यम से भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि आज अपनाया गया रास्ता तय करेगा कि भारत 2047 में कहां होगा.
चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को ऐसे माहौल में काम करना होगा जो भू-राजनीतिक घटनक्रम और प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण तेजी से बदला है. एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए चौहान ने कहा, 'हमें इस परिवर्तनकारी पथ पर आगे या सबके बराबर रहने के लिए अन्य देशों के साथ सैन्य मामलों में एक संपूर्ण क्रांति (आरएमए) लाने में सक्षम होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हमारा संरचनात्मक ढांचा विविध डामेन में अभियान चलाने में सक्षम होना चाहिए. संपर्क, गैर संपर्क, गतिज और गैर-गतिज विकल्पों के बीच सही संतुलन के जरिये एकीकृत त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उनका व्यवस्थित होना चाहिए. उन्हें विशिष्ट, उभरती और विनाशकारी प्रौद्योगिकी को आत्मसात करने और इसका उपयोग करने के प्रति पर्याप्त रूप से लचीला और अनुकूल होना चाहिए.'