कानपुर जू में आरिफ का दोस्त सारस. कानपुर:ठीक 120 घंटे पहले यानी 25 मार्च को मैं कानपुर जू आया था. यहां के अस्पताल में एक पिंजरे में क्वारंटीन हूं. हालांकि मैं राजनीति वाला नहीं, सामान्य पक्षी वाला सारस हूं.... यह दास्तां है उस सारस की, जो कई माह पहले अमेठी में वहां के निवासी आरिफ को घायल मिला था.
आरिफ से उसकी ऐसी दोस्ती हो गई कि वह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गई. जब सारस आरिफ से अलग हुआ तो कुछ समय के लिए बेहद बेचैन रहा. वह पक्षी विहार पहुंचा, मगर वहां न रह सका. इसके बाद उसे कानपुर जू लाया गया, जहां अब सारस को आरिफ के घर जैसा माहौल मिलने लगा है. सारस की 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी हो रही है. गुरुवार को उसने प्राकृतिक आहार, अनाज, दालें, पालक, मछली, मटर खाई. सारस को देखने वाले जू के निदेशक केके सिंह भी यह मान रहे हैं कि जू का हरियाली भरा वातावरण सारस को पसंद आ रहा है. वह अब, सामान्य रूप से रह रहा है. हालांकि, सारस कानपुर जू में रहेगा या नहीं इस पर फैसला सरकार को करना है.
अखिलेश ने कहा था, सैफई के पास इसे छोड़ दीजिएगा: कुछ दिनों पहले कानपुर जू में सारस को देखने आए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने जू के प्रशासनिक अफसरों से कहा था कि जब सारस को खुले आसमां में छोड़ा जाए तो स्थान सैफई के आसपास का होना चाहिए. अखिलेश ने जू निदेशक को बताया था कि इटावा रेंज में सारस की संख्या अच्छी है. ऐसे में यह सारस भी, अन्य के साथ रह लेगा.
एक पैर से घंटों खुद को नियंत्रित करने की क्षमता: बता दें कि सारस की खूबियों को लेकर जू निदेशक केके सिंह ने बताया कि सारस के अंदर एक पैर से खड़ा होकर खुद को नियंत्रित करने की क्षमता होती है. यह एक ऐसा पक्षी होता है जो घरों में आसानी से पल जाता है. सारस का प्रिय भोजन घोंघा, केंचुआ व मछली होता है. यह एक सामान्य ऊंचाई तक उड़ने वाला पक्षी भी है. वहीं, सारस की सबसे खास बात यह होती है कि यह तैरते हुए अंडे देता है. नर और मादा दोनों ही बराबर समय से अपने अंडों की रक्षा करते हैं.
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