नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने टीकों की कीमतों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए और पूछा कि सरकार अनिवार्य लाइसेंस क्यों नहीं मंगवा रही है. पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, 'क्या जो लोग 400 और 600 रुपये के कोविशिल्ड की कीमत को सही ठहरा रहे हैं, वही आज कोवैक्सीन की 600 और 1200 रुपये की कीमतों को सही ठहरा रहे हैं.'
चिदंबरम ने दूसरे ट्वीट में कहा, 'सरकार खड़ी है (असहाय नहीं) और चुपचाप दोनों निमार्ताओं की निंदा और शोषण का समर्थन कर रही है. सरकार अनिवार्य लाइसेंसिंग के प्रावधान को क्यों नहीं लागू कर रही है.'
भारत बायोटेक ने कहा है कि उसकी कोवैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये होगी, जबकि अन्य वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित अपने कोविशील्ड की खुराक राज्यों को 400 और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में बेचेगा.
पी चिदंबरम का सवाल, क्या वैक्सीन की कीमतें उचित हैं ?
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने टीकों की कीमतों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए और पूछा कि सरकार अनिवार्य लाइसेंस क्यों नहीं मंगवा रही है.
चिदंबरम
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कई मुख्यमंत्रियों ने टीकों के अलग-अलग दाम पर सवाल उठाए हैं और सभी के लिए एक समान मूल्य निर्धारण करने के लिए कहा है.