लंदन : ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के समूह को विजय माल्या की दिवालिया हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से कर्ज की वसूली के संबंध में अपनी याचिका में संशोधन की मंगलवार को स्वीकृति दे दी.
अदालत ने याचिका में संशोधन करने के आवेदन को सही करार दिया और कहा कि कोई भी बैंक भारत में बंधक माल्या की सम्पत्ति को बंधक मुक्त कर सकता है, ताकि दिवालिया मामले में फैसले के बाद सभी कर्जदाताओं को फायदा हो सके.
दिवालिया एवं कंपनी मामलों की सुनवाई करने वाली मुख्य अदालत (आईसीसी) के न्यायाधीश मिशेल ब्रिग्स ने बैंकों के पक्ष में अपने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी कोई सार्वजनिक नीति नहीं है जो कि बैंक बंधक रखी सम्पत्ति पर अपने प्रतिभूति संबंधी अधिकार को न हटा सकें.