नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में सच्चाई तक पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस ने आरोपी आफताब के नार्को टेस्ट के लिए साकेत कोर्ट में आवेदन दिया (Application in Saket court for narco test of accused Aftab) है. कोर्ट ने इस मामले में अभी तक अपना आदेश नहीं दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद ही इस मामले में नार्को टेस्ट की अनुमति मिल पाएगी. बता दें इस मामले में श्रद्धा के परिजनों द्वारा उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसमें आफताब पर गुमराह कर अपहृत करने का आरोप लगाया गया था.
महरौली के जंगलों में श्रद्धा के शव के अवशेषों को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार सर्च अभियान चला रही है. हालांकि अभी तक श्रद्धा का सिर बरामद नहीं किया जा सका है. सिर बरामद ना होने की दशा में डीएनए टेस्ट की एकमात्र जरिया होगा, जिससे श्रद्धा के अवशेषों की पहचान संभव हो सकेगी. हालांकि करीब 5 माह पहले खुले में फेंके गए शव के अवशेषों को एकत्र करना भी एक चुनौती है. साथ ही अवशेषों के जानवरों द्वारा क्षेत्र आए जाने इधर-उधर किए जाने की भी संभावना है.
क्या कहता है कानूनःकानून के जानकारों के अनुसार इस केस में अभी केवल अपहरण और गुमशुदगी की धाराओं में ही मुकदमा दर्ज है. जब तक शव मिल नहीं जाता या फिर सब मिलने की पुष्टि नहीं हो जाएगी, तब तक इस मामले में हत्या की धाराओं को नहीं जोड़ा जा सकेगा. आतंकी घटनाओं के मामले में भी शव के लापता होने पर करीब 7 वर्षों तक जब तक पुलिस अनट्रेसेबल रिपोर्ट दाखिल नहीं करती है, तब तक उस व्यक्ति को लापता ही माना जाता है, मृत नहीं माना जाता. वर्ष 2005 में सरोजिनी नगर बम ब्लास्ट मामले में भी कई लोग लापता हो गए थे, जिनके परिजनों को 7 वर्षों तक सरकार द्वारा दिया गया मुआवजा केवल इसलिए नहीं मिला क्योंकि उनके परिजनों को पुलिस ने मृत घोषित नहीं किया था.