लखनऊ: डांस प्रोग्राम कैंसिल करने व टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं करने के एक मामले में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (ACJM) शांतनु त्यागी ने मशहूर डांसर सपना चौधरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी है. उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि हाईकोर्ट ने सपना चौधरी को स्वंय उपस्थित होकर अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि इस आदेश में यह व्यवस्था नहीं है कि उनके स्थान पर उनके वकील उपस्थित होकर कोई अर्जी दाखिल करें. ऐसे में सपना चौधरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने का कोई औचित्य नहीं है. लिहाजा अर्जी खारिज की जाती है. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.
बता दें कि बीते मंगलवार को अदालत में सपना चौधरी की ओर से उनके वकील ने यह अर्जी दाखिल की थी. हाईकोर्ट के आदेश के साथ दाखिल की गई इस अर्जी में सपना चौधरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की मांग की गई थी.
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यह था मामला
14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की एफआईआर एसआई फिरोज खान ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी, जिसमें इस कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, नवीन शर्मा, पहल इंस्टीट्यूट के इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के साथ ही सपना चौधरी को भी नामजद किया गया था. 13 अक्टूबर, 2018 को स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक सपना समेत अन्य कलाकारों का प्रोग्राम था.
इसके लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपये में ऑनलाइन व ऑफलाइन टिकट बेचा गया था. इस प्रोग्राम को देखने के लिए हजारों टिकट धारक मौजूद थे, लेकिन रात्रि 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आईं, तो उन्होंने हगांमा कर दिया. इसके बाद टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं किया गया.
20 जनवरी, 2019 को इस मामले में जुनैद अहमद, इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 व 420 में आरोप पत्र दाखिल हुआ था. इसके बाद एक मई, 2019 को सपना चौधरी के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं में आरोप पत्र दाखिल हुआ. जिस पर संज्ञान लिया जा चुका है.
चार सितंबर, 2021 को अदालत ने इस मामले में सपना चौधरी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी थी. अदालत ने सपना चौधरी के हाजिर नहीं होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था.