नई दिल्ली :भारतीय जनता पार्टी सभी राज्यों में 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर चुकी है. मगर अंदरखाने सबसे अधिक पार्टी उन राज्यों के वोट बैंक पर नजर बनाए हुए है जिन राज्यों में सत्ताधारी पार्टी में अंदरूनी कलह चल रही है. इसमें पार्टी सबसे ज्यादा अति पिछड़ा और ओबीसी के वोट बैंक पर नजर रख रही है. सूत्रों की मानें तो पार्टी की पैनी नजर जेडीयू और आरजेडी में चल रहे आंतरिक कलह पर भी है. साथ ही जेडीयू के वोट बैंक पर भी है जो कभी गठबंधन में रहते हुए बीजेपी के साथ थे. यही नहीं पार्टी में चल रहे अंदरूनी कलह पर तो पार्टी नजर बना ही रही है साथ ही नीतीश के साथ रहे अतिपिछड़ा, सवर्ण और गैर आरजेडी वोट बैंक जो अभी जेडीयू के साथ हैं, ऐसे नेताओं के ऊपर भी पार्टी की पैनी निगाह है.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह जेडीयू के अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी में तनातनी चली, साथ ही ऐसे नेता जो जेडीयू में रहते हुए भी आरजेडी के साथ रहना पसंद नहीं कर रहे थे ऐसे कई नेता जेडीयू छोड़कर बीजेपी में आना चाहते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उन नेताओं को लाने के लिए पार्टी आलाकमान ने हरी झंडी भी दे दी है. सूत्रों की माने तो कुछ दिन पहले ही बिहार से सांसद विवेक ठाकुर के आवास पर अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ बैठक हुई थी जिसमे इन्हें हरी झंडी मिली है.
इन जेडीयू के नेताओं के सहारे ही बीजेपी जेडीयू के वोट बैंक को साधने की रणनीति बना रही है. सूत्रों की माने तो इसी तरह हरियाणा में भी आप के कई ऐसे नेता हैं. जेडीयू के नेताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए बीजेपी ने हाल में ही एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी में बिहार बीजेपी के नेता और विधायक संजय जायसवाल, मंगल पांडे और नितिन नवीन हैं. कमेटी का काम जेडीयू के ऐसे अतिपिछड़ा, सवर्ण और आरजेडी के विरोधी नेताओ को बीजेपी में शामिल करने की है जिनका अपना जनाधार है और जिसको जोड़ने से बीजेपी को सियासी फायदा हो सकता है.