मुलायम सिंह की पुत्रवधू अपर्णा अब बजरंगबली की शरण में, बोलीं-मैं लक्ष्य की ओर बढ़ रही हूं
लखनऊ : बड़ा मंगल के अवसर पर बीजेपी नेत्री एवं समाजसेविका अपर्णा यादव पूरी तरह से बजरंगबली की सेवा में नजर आ रही हैं. उन्होंने खुद को हनुमान जी के प्रति आसक्त कर लिया है. 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई दिवंगत समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव को अब तक भाजपा से कोई पुरस्कार नहीं मिला है. जिसके बाद भी लगातार समाज सेवा और धार्मिक कार्यों में ही व्यस्त नजर आ रही हैं. उन्होंने कहा है कि वह लगातार लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही हैं.
मुलायम सिंह की पुत्रवधू अपर्णा अब बजरंगबली की शरण में, बोलीं-मैं लक्ष्य की ओर बढ़ रही हूं. मुलायम सिंह की पुत्रवधू अपर्णा अब बजरंगबली की शरण में, बोलीं-मैं लक्ष्य की ओर बढ़ रही हूं. लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने आवास पर संकटमोचन हनुमान की भक्ति से ओतप्रोत संगीतमय सुंदरकांड का भव्य आयोजन उन्होंने किया. इस संगीतमय सुंदरकांड के संस्करण को अपर्णा यादव व दिवंगत आदेश श्रीवास्तव के मधुर स्वरों में पिरोया गया है. इस संगीतमय सुंदरकांड के माध्यम से अपर्णा यादव ने विश्व प्रसिद्ध संगीतकार और गायक स्वर्गीय आदेश श्रीवास्तव को संगीतांजलि अर्पित की है.
मुलायम सिंह की पुत्रवधू अपर्णा अब बजरंगबली की शरण में, बोलीं-मैं लक्ष्य की ओर बढ़ रही हूं.
इस मौके पर अपर्णा यादव ने कहा कि संगीतमय सुंदरकांड की मनमोहक धुन और इसमें निहित गहरा संदेश निश्चित रूप से आत्मा को प्रज्वलित करने वाला है और किसी भी व्यक्ति के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर विजय पाने की शक्ति प्रदान करता है. अपर्णा यादव ने इस संगीतमय कृति को जारी करने के पीछे इसका अपने हृदय से गहराई से जुड़ा होना बताया. उन्होंने कहा कि रिलीज का उद्देश्य प्रसिद्ध संगीतकार स्मृतिशेष आदेश श्रीवास्तव को सच्ची श्रद्धांजलि और संगीतांजलि अर्पित करना है. एक महान संगीतकार को भक्ति संगीत के माध्यम से ही सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है.
मुलायम सिंह की पुत्रवधू अपर्णा अब बजरंगबली की शरण में, बोलीं-मैं लक्ष्य की ओर बढ़ रही हूं. उन्होंने बताया कि सुंदरकांड उनके जीवन में एक विशेष स्थान रखता है और उनकी दिनचर्या का एक अभिन्न अंग है. अपर्णा यादव ने बताया, "सुंदरकांड हमें सिखाता है कि हम सभी के अंदर कोई न कोई गुण छिपा होता है, बस हमें उसे पहचानने की जरूरत है. हर व्यक्ति में एक अनूठा गुण होता है, जिसे हमें स्वयं खोजना होगा, जैसे जामवंत ने हनुमान जी को अपनी ताकत का एहसास कराया था. हमें भी किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए. लक्ष्य के मार्ग में मिलने वाले प्रलोभनों को दरकिनार कर केवल लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए और हासिल करने का प्रत्येक प्रयत्न करना चाहिए. अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना हमें लगातार आगे बढ़ते रहना चाहिए.
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