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आंध्र प्रदेश सरकार ने SC में दायर याचिका ली वापस, जानिए क्या है पूरा मामला - आंध्र प्रदेश सरकार

आंध्र प्रदेश सरकार ने अमरावती भूमि घोटाले की जांच पर रोक लगाने के आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ SC में दायर अपनी याचिका गुरुवार को वापस ले ली. याचिका की पिछली सुनवाई में इस पर एक विकल्प के रूप में चर्चा की गई थी जिस पर राज्य सरकार के वकील ने ये मांग की.

Andhra Pradesh High Court, SUPREME COURT
उच्चतम न्यायालय

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Published : Jul 22, 2021, 4:48 PM IST

नई दिल्ली:आंध्र प्रदेश सरकार ने अमरावती भूमि सौदों से संबंधित उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका गुरुवार को उच्चतम न्यायालय (SUPREME COURT ) से वापस ले ली. उच्च न्यायालय ने पिछली तेलगुदेशम पार्टी के शासनकाल के दौरान अमरावती में भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं (Land Scam) की एसआईटी जांच पर रोक लगा दी थी.

राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ से कहा कि वह उच्च न्यायालय से संपर्क करेगी. राज्य सरकार ने पांच मार्च को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह राज्य की राजधानी अमरावती स्थानांतरित करने के दौरान भूमि लेनदेन में कथित अनियमितताओं की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराने के लिए सहमत है.

सरकार ने शीर्ष अदालत से कथित घोटाले की विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच पर उच्च न्यायालय द्वारा लगायी गयी रोक को हटाने और मामले में आगे की जांच के लिए अनुमति देने का आग्रह किया.

पढ़ें: अमरावती में जमीन खरीदने वालों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

बताते चलें कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने पूर्ववर्ती चंद्रबाबू नायडू सरकार के कार्यकाल में अमरावती राजधानी क्षेत्र में विभिन्न कथित अनियमितताओं, खासकर भूमि सौदों, की व्यापक जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक रैंक के एक आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था.

शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के पिछले साल 15 सितंबर के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी. यह याचिका अधिवक्ता महफूज अहसान नाजकी के जरिए दायर की थी.

न्यायालय ने पिछले साल 25 नवंबर को राज्य की राजधानी को अमरावती स्थानांतरित किए जाने के दौरान भूमि लेनदेन में कथित अनियमितताओं को लेकर दर्ज प्राथमिकी के संबंध में मीडिया को खबरें प्रकाशित करने से रोकने वाले उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी. हालांकि उसने मामले में प्राथमिकी की जांच पर रोक सहित उच्च न्यायालय के अन्य निर्देशों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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