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आंध्र प्रदेश पुलिस ने न्याय दिलाने में स्थापित किया नया मानदंड - india justice system

आंध्र प्रदेश के डीजीपी के वी राजेंद्रनाथ रेड्डी (state DGP K V Rajendranath Reddy) ने कहा कि राज्य की पुलिस ने रेल के प्रयास के केस में महज 14 दिनों में अभियोजन प्रक्रिया पूरी कर 57 दिनों में दो आरोपियों को सजा दिलवा दी.

AP Police set new benchmark in criminal justice delivery
आंध्र प्रदेश पुलिस ने न्याय दिलाने में स्थापित किया नया मानदंड

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Published : May 8, 2022, 4:18 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश पुलिस ने बलात्कार के प्रयास के मामले में 14 दिनों में अभियोजन प्रक्रिया पूरी कर महज 57 दिन में दो आरोपियों को दोषी करार देकर इतिहास रच दिया है और न्याय दिलाने में नया मानक स्थापित किया. राज्य के पुलिस महानिदेशक के वी राजेंद्रनाथ रेड्डी (state DGP K V Rajendranath Reddy) ने कहा, 'यह देश में अब तक का पहला ऐसा प्रयास था और हम वैज्ञानिक जांच प्रक्रिया के बाद इतने कम समय में फैसला हासिल करने में सफल रहे. यह मामला पुलिस, अभियोजन पक्ष के वकीलों और न्यायपालिका के बीच जबरदस्त समन्वय को रेखांकित करता है.'

मामला आठ मार्च, 2022 को एसपीएस नेल्लोर जिले में जंगल के बीच से गुजर रही एक लिथुआनियाई नागरिक से बलात्कार के प्रयास से संबंधित है. दो लोग उसे बहला-फुसलाकर जंगल में ले गए और उससे छेड़छाड़ करने का प्रयास किया लेकिन वह सुरक्षित बच निकलने में सफल रही और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. डीजीपी ने कहा, 'तीन घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और 16 मार्च तक हमने उनके खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया. हमने मामले को त्वरित समय में अभियोजन के लिए सूचीबद्ध करा लिया क्योंकि पीड़िता को अपने देश लौटना था.

मामले की सुनवाई 29 मार्च से तीन दिन के भीतर पूरी हुई और नेल्लोर सत्र अदालत ने एक और दिन में सबूतों की जांच पूरी की. अदालत ने छह और सात अप्रैल को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया, जो आखिरकार पांच मई को सुनाया गया. दोनों आरोपियों आई साईकुमार और सैयद मोहम्मद आबिद को सात-सात साल जेल की सजा सुनाई गई और 15,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया. पीड़िता ने डीजीपी को वीडियो संदेश भेजकर राज्य पुलिस को शीघ्र दोषसिद्धि के लिए बधाई और धन्यवाद दिया.

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राजेंद्रनाथ ने कहा, 'इस मामले ने उदाहरण पेश किया है कि कैसे उचित समन्वय के माध्यम से आपराधिक न्याय प्रणाली प्रभावी ढंग से काम कर सकती है. यह न केवल राज्य में बल्कि देश में पहली बार है जब इस तरह के मामले में मुकदमा चलाया गया और आरोपी को कुछ ही दिनों में दोषी ठहराया गया.'

(पीटीआई-भाषा)

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