अमरावती:आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने तीन राजधानियों और सीआरडीए रद्द करने की याचिकाओं पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को सीआरडीए अधिनियम के अनुसार कार्य करना चाहिए. सीआरडीए अधिनियम में कहा गया कि सभी विकास कार्यों को 6 महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए. जिन किसानों को जमीन दी गई थी, उन्हें 3 महीने के भीतर विकसित भूखंडों को सभी सुविधाओं के साथ सौंपने का सुझाव दिया गया. साथ ही कहा कि विकास कार्यों की जानकारी समय-समय पर न्यायालय को देनी चाहिए.
बता दें कि वर्षो संघर्ष के बाद 2014 को तेलंगाना को आंध्रप्रदेश से अलग किया गया था. मनमोहन सिंह सरकार के इस फैसले के बाद आंध्रप्रदेश की राजधानी, हैदराबाद, तेलंगाना का हिस्सा बन गया. फिर आंध्रप्रदेश की नई राजधानी की तलाश शुरू हुई. हालांकि इस बीच तय हुआ कि दोनों राज्य दस वर्षो तक हैदराबाद को ही राजधानी के तौर पर बांटेंगे.
बंटवारे के बाद मार्च 2015 को आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने नई राजधानी का नाम अमरावती रखा था. 6 जून 2015 को अमरावती को बसाने के लिए कृष्णा नदी के किनारे भूमि पूजन किया गया. तब भारत के प्रधानमंत्री भी नए शहर की नींव रखने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे.