विजयवाड़ाःआंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में हजारों सरकारी कर्मचारियों ने नए वेतन संशोधन (Pay revision) के विरोध में विजयवाड़ा (Vijayawada) शहर के सड़कों पर मार्च निकाला. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. आंदोलनकारी कर्मचारियों और शिक्षकों ने ‘चलो विजयवाड़ा’ रैली निकालकर सरकार से वेतन संशोधन से संबंधित ‘काले आदेशों’ को तुरंत वापस लेने की मांग की.
जिला कलेक्टर ने आदेश दिया कि कर्मचारियों और शिक्षकों को गुरुवार को तब तक छुट्टी नहीं दी जाए जब तक कि मेडिकल इमरजेंसी न हों. नए वेतन संशोधन विरोध के नेताओं को सभी जिलों में हर जगह पुलिस ने नजरबंद कर दिया था. विजयवाड़ा जाने वाले सभी को पुलिस ने नोटिस दिया. कुछ कर्मचारी नेताओं को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
वेतन संशोधन आयोग संघर्ष समिति के नेताओं ने बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक संघर्ष है. लाखों कर्मचारी हमारे पीछे हैं. यहां तक कि पुलिस भी हमारे पीछे है. संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि इस सरकार को समझना चाहिए कि कर्मचारियों की ताकत क्या है.
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एक बार जब हम 7 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाते हैं, तो लोगों को होने वाली किसी भी असुविधा के लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी’. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग और राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल होंगे. पिछले कुछ दिनों से आंध्र प्रदेश के सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और पेंशनभोगी हालिया वेतन संशोधन का कड़ा विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार का फैसला उनके हितों के लिए हानिकारक है. उन्होंने बताया कि वेतन वृद्धि के बजाय वेतन संशोधन के आदेश के बाद सभी के वेतन में कटौती ही हो रही है. उन्होंने सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के इस दावे को भी खारिज कर दिया, कि कर्मचारियों के आंदोलन के पीछे निहित स्वार्थ है.
सरकार से वार्ता विफल
वेतन संशोधन मुद्दे पर आंदोलनकारी कर्मियों और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच मंगलवार को वार्ता विफल हो गई थी. जिसके बाद वेतन संशोधन आयोग (पीआरसी) संघर्ष समिति ने घोषणा की कि वह प्रस्तावित आंदोलन कार्यक्रम पर आगे बढ़ेगी. जिसमें सात फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना भी शामिल है.