अमरावती (आंध्र प्रदेश) : आंध्र प्रदेश विधान परिषद को समाप्त करने के प्रस्ताव पर कोई कदम उठाने में नाकाम रहने का केंद्र पर आरोप लगाते हुए वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राज्य विधानसभा में मंगलवार को एक नया प्रस्ताव पारित किया. साथ ही, विधानसभा ने पिछले वैधानिक प्रस्ताव को वापस ले लिया और परिषद को जारी रखने के प्रावधान वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
वित्त और विधायी मामलों के मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ ने प्रस्ताव पेश किया और विधानसभा ने ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया. पिछले साल 27 जनवरी को वाई एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 169 (1) के तहत वैधानिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें राज्य विधान परिषद को 'सार्वजनिक हित में' समाप्त करने की मांग की गई, क्योंकि इससे सरकारी खजाने पर एक वर्ष में 60 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा था.
पिछले साल जब वैधानिक प्रस्ताव पारित किया गया था तब जगन ने कहा था वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, लेकिन मंगलवार को जब नया प्रस्ताव पारित किया गया, तब वह सदन में चुप रहे.
इससे पहले, सत्तारूढ़ दल युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस (वाईएसआरसी) 58 सदस्यीय विधान परिषद में अल्पमत में थी. पार्टी के हाल के दिनों में बहुमत हासिल करने के बाद जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने परिषद को जारी रखने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है.