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एंटीलिया कांड : परमबीर सिंह ने मनपसंद रिपोर्ट के लिए किया था ₹5 लाख का भुगतान

मुंबई के एंटीलिया कांड से संबंधित जैश-उल-हिंद के पोस्ट की जांच करने वाले साइबर सुरक्षा पेशेवर ने दावा किया है कि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने रिपोर्ट को संशोधित करवाया था. इसके लिए उसे पांच लाख रुपये का भुगतान किया गया था. पढ़े पूरी खबर...

परमबीर सिंह
परमबीर सिंह

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Published : Sep 8, 2021, 6:19 PM IST

नई दिल्ली : मुंबई के एंटीलिया बम कांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. एंटीलिया बम मामले में टेलीग्राम पर जैश-उल-हिंद के पोस्ट पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले एक साइबर सुरक्षा पेशेवर ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बताया कि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के निर्देश पर एंटीलिया बम मामले की रिपोर्ट को संशोधित किया गया था. इसके लिए उसे परमबीर सिंह की ओर से पांच लाख रुपये के भुगतान की बात कही गई थी.

साइबर सुरक्षा पेशेवर ने बताया कि शुरू में उसे तीन लाख रुपये के भुगतान की बात कही गई थी, लेकिन बाद में उसे यह कहते हुए पांच लाख रुपये का भुगतान किया कि उसने 'उत्कृष्ट काम' किया है और प्रदान की गई सेवाओं के लिए अधिक भुगतान के योग्य है.

एनआईए ने मामले में दाखिल किए गए अपने 10,000 पन्नों के आरोप पत्र में उस पेशेवर का बयान संलग्न किया, जिसमें लिखा है, 'मैंने 09 मार्च, 2021 को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के सिलसिले में मुंबई पुलिस कमिश्नर के कार्यालय का दौरा किया था, जो मुंबई अपराध शाखा के लिए 15 जनवरी 2021 को संपन्न हुए प्रशिक्षण से अलग था. इस बैठक के दौरान मैंने परमबीर सिंह को टेलीग्राम चैनल 'जैश-उल-हिंद' पर 27 फरवरी, 2021 को पोस्ट किए गए पोस्ट को दिखाया था, जिसमें एंटीलिया कांड की जिम्मेदारी का दावा किया गया था.

साइबर सुरक्षा पेशेवर ने एनआईए को दिए अपने बयान में कहा, 'सीपी मुंबई (परमबीर सिंह) के आग्रह पर मैंने सीपी मुंबई के कार्यालय में बैठकर अपने लैपटॉप में रिपोर्ट तैयार की. उक्त रिपोर्ट एक पैराग्राफ में थी और मैंने इसे सीपी मुंबई को दिखाया. परमबीर सिंह सर ने मुझे उस पोस्टर को डालने के लिए कहा, जो टेलीग्राम चैनल 'जैश-उल-हिंद' पर दिखाई दिया था, जिसमें एंटीलिया कांड की जिम्मेदारी का दावा किया गया था. उन्होंने मुझे बताया कि आईजी-एनआईए जल्द ही आने वाले हैं और वह आईजी-एनआईए को रिपोर्ट दिखाना चाहेंगे. तदनुसार, मैंने अपनी रिपोर्ट को संशोधित किया और टेलीग्राम चैनल 'जैश-उल-हिंद' पर दिखाई देने वाले पोस्टर को डाला और उक्त रिपोर्ट को सीपी मुंबई की आधिकारिक ईमेल आईडी पर भेज दिया.

परमबीर सिंह द्वारा भुगतान के आग्रह का उल्लेख करते हुए, बयान में कहा गया, 'परमबीर सिंह ने कहा कि वह मुझे प्रदान की गई सेवाओं के लिए भुगतान करना चाहते हैं और पूछा कि उन्हें मुझे कितनी राशि का भुगतान करना चाहिए. मैंने जवाब दिया कि मुझे किसी भुगतान की उम्मीद नहीं थी. लेकिन परमबीर सिंह ने जोर देकर कहा कि मैंने उत्कृष्ट काम किया है और मैं प्रदान की गई सेवाओं के लिए भुगतान का हकदार हूं.'

बयान में कहा गया है, 'इसके बाद उन्होंने अपने निजी सहायक को बुलाया और निजी सहायक को मुझे तीन लाख रुपये देने का निर्देश दिया. निर्देशों का पालन करने के लिए जैसे ही निजी सहायक ने कक्ष छोड़ा, परमबीर सिंह ने निजी सहायक को वापस बुलाया और निजी सहायक को मुझे पांच लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. मैंने फिर सीपी सर से कहा कि राशि बहुत अधिक है और इस तरह के भुगतान की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन सीपी सर ने जोर देकर कहा कि मैं प्रदान की गई सेवाओं के लिए उक्त भुगतान का हकदार हूं और मुझे परमबीर सिंह की उपस्थिति में निजी सहायक से पांच लाख रुपये नकद मिले.'

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साइबर सुरक्षा पेशेवर ने यह भी कहा कि उसने जैश-उल-हिंद के संबंध में दिल्ली विशेष प्रकोष्ठ को जो रिपोर्ट भेजी थी, वह एक अलग मामले के लिए थी, लेकिन उसमें जैश-उल-हिंद का एक पोस्टर लगाना था, जिसमें सिंह के निर्देश पर एंटीलिया बम मामले की जिम्मेदारी का दावा किया गया था

(ANI)

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