मंबई : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे (Sachin Waze) की जमानत अर्जी का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा कि कहा कि अदालत ने जो समय बढ़ाया था, उसके अंदर उसने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है.
निर्धारित समय सीमा के अंदर आरोपपत्र दाखिल नहीं करने के आधार पर जमानत पाने की वाजे की यह तीसरी कोशिश थी, जो एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण एवं मनसुख हिरेन हत्याकांड में आरोपी है. अदालत ने पिछली अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि आवेदन में 'दम नहीं' है और उससे 'अदालत का कीमती वक्त बर्बाद किया है.'
अदालत ने तब एनआईए को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए एक और महीने का समय दिया था, जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी तीन सितंबर को आरोपपत्र दाखिल कर दिया.
नई अर्जी का विरोध करते हुए एनआईए ने कहा कि उसने (छह सितंबर की) निर्धारित समयसीमा से बहुत पहले तीन सितंबर को ही समग्र अंतिम रिपोर्ट (आरोपपत्र) दाखिल कर दी, इसलिए आरोपी आवेदक यह आरोप नहीं लगा सकता कि जांच अधूरी है और एनआईए ने कथित रूप से गलती की है.