दिल्ली

delhi

By

Published : Dec 28, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 8:45 PM IST

ETV Bharat / bharat

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने गोहत्या-रोधी अध्यादेश लाने का फैसला किया

कर्नाटक विधानसभा में गोहत्या निषेध विधेयक को मंजूरी मिल चुकी है. ताजा घटनाक्रम में सरकार ने प्रावधानों को लागू करने के लिए अध्यादेश का रास्ता चुना है. कानून मंत्री ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 13 वर्ष से ऊपर की भैंस की हत्या की अभी भी अनुमति है. सरकार के मुताबिक बूचड़खाने संचालित होते रहेंगे और भैंस के मांस के सेवन पर प्रतिबंध नहीं रहेगा.

कर्नाटक : अध्यादेश के माध्यम से पारित हुआ गोहत्या विधेयक- कानून मंत्री जे सी मधुस्वामी
कर्नाटक : अध्यादेश के माध्यम से पारित हुआ गोहत्या विधेयक- कानून मंत्री जे सी मधुस्वामी

बेंगलुरु : कर्नाटक मंत्रिमंडल ने सोमवार को विवादास्पद गोहत्या-रोधी विधेयक को लागू करने के लिये अध्यादेश लाने का निर्णय लिया. विधानसभा से पारित इस विधेयक को अभी विधान परिषद की मंजूरी मिलनी बाकी है. इसके प्रभावी होने के बाद राज्य में गो हत्या पूरी तरह प्रतिबंधित होगी. बता दें कि कर्नाटक सरकार ने विगत 9 दिसंबर को विधानसभा से गोहत्या विधेयक को पारित कराया था.

गो-हत्या पर कानून मंत्री

सोमवार को विधेयक के बारे में बोलते हुए, कानून मंत्री जे सी मधुस्वामी ने कहा कि पुराने बिल में यह अनुमति दी गई थी कि 13 वर्ष से अधिक आयु की गायों की हत्या की जा सकती है लेकिन संशोधित बिल में गोहत्या ही प्रतिबंधित है. हालांकि, 13 वर्ष से ऊपर की भैंस की हत्या की अभी भी अनुमति है.

उन्होंने कहा, 'हमने इसे इस इरादे के साथ विस्तार दिया है कि बूढ़ी गायों को भी इस दायरे में लाया जाना चाहिए. हालांकि, 'बीफ' के सेवन पर प्रतिबंध नहीं होगा क्योंकि भैंस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.'

उन्होंने कहा कि अगर किसान 13 और उससे अधिक वर्ष की उम्र की गायों की देखभाल से इनकार करते हैं, तो सरकार गोशाला स्थापित करने की पूरी जिम्मेदारी लेगी. सरकार ने अनुमान लगाया है कि लगभग 5 लाख गायों को संरक्षण की जरूरत हो सकती है.

यह भी पढ़ें:कर्नाटक विधानसभा में गौ हत्या विरोधी बिल 90 मिनट में पारित, विपक्ष का वॉकआउट

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मधुस्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल की मंजूरी के लिए अध्यादेश को तत्काल उनके समक्ष भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार गोशाला स्थापित करने पर भी विचार कर रही है ताकि दूध नहीं देने वाली बूढ़ी गाय किसानों पर बोझ नहीं रहें.

उल्लेखनीय है कि 'कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक 2020' के अंतर्गत अपराधी के खिलाफ अधिकतम सात वर्ष कैद की सजा और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.

Last Updated : Dec 28, 2020, 8:45 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details