एर्नाकुलम : केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने मंगलवार को केंद्र की 'अग्निपथ' भर्ती योजना का विरोध करने को लेकर कांग्रेस पर हमला किया और उनके विरोध को राजनीति से प्रेरित और युवाओं को गुमराह करने वाला बताया. यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम से इतर सिंह ने कहा कि विपक्षी दल देश में पेश किए सभी सुधारों का विरोध करने लग जाते हैं. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के सुधार का विचार करगिल समीक्षा समिति के समय से चल रहा था और भारत का 'टूथ-टू-टेल अनुपात' कई देशों की तुलना में अधिक है. 'टूथ-टू-टेल अनुपात' सेना में इस्तेमाल होने वाला एक शब्द है, जिसका मतलब होता है कि सीमा पर तैनात सिपाही के लिए आवश्यक सामान पहुंचाने या उसके सहयोग के लिए तैनात अन्य लोगों का अनुपात.
उन्होंने कहा, 'यह सब राजनीति से प्रेरित है. आप कांग्रेस की ओर से जारी किए गए बयानों को देखें. जब मैं इस तरह बोलता हूं, तो आप (मीडिया) इसे ट्विटर पर पोस्ट करते हैं, तो मुझे कांग्रेस के लोग ट्रोल करते हैं. योजना का इस तरह विरोध केवल राजनीतिक विरोधियों द्वारा ही किया जाता है.'
पूर्व सेना प्रमुख ने बताया कि इस योजना को विभिन्न परिवर्तनकारी अध्ययनों पर चर्चा के बाद सेवा में मौजूद लोगों ने बनाया है. सिंह ने कहा कि जब भी हम कोई सुधार करना चाहते हैं, लोग इसका विरोध करने लग जाते हैं. क्योंकि जब भी वे सत्ता में थे, तब वे कोई सुधार नहीं कर पाए. हम सशस्त्र बलों में सुधार के विचार पर काम कर रहे हैं, क्योंकि हमारा 'टूथ-टू-टेल-अनुपात' अधिक रहा है. 'टेल अनुपात' (सहयोग के लिए तैनात लोगों का अनुपात) कई देशों की तुलना में बहुत अधिक रहा है और यह काम करगिल समीक्षा समिति के समय से चल रहा है.
सिंह ने कहा, 'हमें कोई आशंका नहीं है. बाकी सभी राजनीतिक विरोधियों को आशंका होती रहेगी और वह इसे व्यक्त करते रहेंगे और युवाओं को गुमराह करते रहेंगे.' उन्होंने कहा कि करगिल समीक्षा समिति ने भी अधिकारियों और जवानों के युवा होने की पैरवी की थी. युद्ध में, आपको ऐसे लोगों की जरूरत होती है जो युवा हों, जो जोखिम उठा सकते हों, यह युवाओं की क्षमता है.'